बद्दी ! फार्मा का हब कहा जाने वाला बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है। राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय की टीम ने कार्रवाई करते हुए कंपनी को सील कर दिया है। बताया जा रहा है फूड लाइसेंस के नाम पर कंपनी में दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था। राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय की टीम ने छापामारी की तो इसका खुलासा हुआ। जानकारी के अनुसार बद्दी के साई मार्ग पर ग्लेनमार्स नाम से पंजीकृत एक फर्म ने फूड लाइसेंस पर ही दवाओं का उत्पादन शुरू कर दिया था। इस मामले की भनक लगने के बाद ड्रग कंट्रोलर कार्यालय की टीम ने दबिश दी और वहां रंगे हाथ दवाओं का उत्पादन करते हुए कुछ लोगों को पाया। मामले की छानबीन चल रही है।जानकारी के मुताबिक नकली दवाओं का यह कारोबार करने वाले दो भाई बताए जा रहे हैं। यह दोनों मूल रूप से कानपुर उत्तर प्रदेश के निवासी बताए जा रहे हैं। बहरहाल दवा नियंत्रक कार्यालय की टीम ने कंपनी को सीज कर दिया है और आगामी 12 घंटे तक इस कंपनी से बनने वाली प्रत्येक दवा की बारीकी से जांच की जाएगी। मुनाफे के लिए लोग दवा के नाम पर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
फर्जी दवाओं का जताया जा रहा अंदेशा !!
पकड़ में आए इस मामले के बाद फार्मा हब बीबीएन में अफरा तफरी का माहौल है। यह पहला मौका नहीं जब बद्दी में नकली दवाओं के उत्पादन का खुलासा हुआ है व इस तरह बवाल मचा हो। इससे पहले भी कई दफा इस तरह के मामले सामने आ चुके है । दवा का कोई लाइसेंस नहीं था : कपूर… डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मुनीष कपूर ने बताया कि बद्दी में एक ग्लेनमार्स नाम की फर्म अंग्रेजी दवाएं बनाने का कार्य कर रही थी। इस कंपनी के पास दवा बनाने के लाइसेंस नहीं था।लेकिन मोके पर कम्पनी में से काफी ज्यादा मात्रा में सिड्यूल एच की दवाइयां मिली है और कुछ दवाइयों पर लगने वाले लेबल भी मिले है जो कि उत्तराखंड की कम्पनी के है।इस मामले में फिलहाल छानबीन की जा रही है।