सुंदरनगर ! सुकेत वन मंडल सुंंदरनगर के अंतर्गत जयदेवी रेंज के रोहांडा ब्लॉक में जंगलों से कसमल की जड़ों को गैरकानूनी तरीके से निकाल कर बड़े-बड़े गढ्ढे पाए गए है। मौके पर स्थानीय लोगों द्वारा अपनी मलकियत भूमि से कसमल की जड़े निकालने की बजाए जंगलों को अपना शिकार बनाया जा रहा है। बता दें कि कसमल की जड़ दवाएं बनाने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं और वर्तमान में 10 वर्ष के बाद रोहांडा ब्लॉक में कसमल की जड़ को लोगों की मलकियत जमीन के अंदर से निकालने की मंजूरी मिली हुई है। लेकिन लोगों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर अभी तक लगभग 20-25 ट्रकों की हजारों क्विंटल जड़ों को जंगलों से अवैध रूप से निकाल कर ठेकेदारों को बेच दिया गया है।
इस अवैध कारोबार को लेकर प्रदेश वन विभाग समय-समय पर कार्रवाई भी कर रहा है, लेकिन वनों का क्षेत्रफल अधिक और स्टाफ की कमी के कारण लोग कसमल की जड़ों को स्थानीय लोग 9 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से ठेकेदार को बेची जा रही है। बेशक विभाग इस खरीद फरोख्त पर ठेकेदारों सहित लोगों पर पैनी नजर गडाए हुए और अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर जड़ों को कब्जा में लिया गया है। लेकिन लोग बेखौफ होकर इस अवैध व्यापार को किए जा रहे हैं। वहीं मामले को लेकर पंचायत प्रधान रोहांडा प्रकाश चंद ने कहा कि पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों से कसमल की जड़ों का निकालने का कार्य चला हुआ है। उन्होंने कहा कि पंचायत से मात्र स्थाई निवासी होने की ही पड़ताल की गई थी।