मंडी ! सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदर नगर स्थित सीआरसी सेंटर की एडीआईपी ग्रांट पर रोक लगा दी है। जिसके चलते इस ग्रांट के तहत दिव्यांगजनों को मिलने वाले उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं के लिए वंचित होकर रहना पड़ गया है । केंद्रीय मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की इस ग्रांट पर वर्ष 2017 से रोक लगा रखी है। जिसके चलते सूबे के दिव्यांगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तरी भारत में उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश ही दिव्यांगजनों को सुविधा मुहैया करवाने के लिए एकमात्र सेंटर है। जहां पर दिव्यांगों को उपकरण समेत अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती थी। लेकिन पिछले 2 साल से उक्त ग्रांट पर रोक लगने से दिव्यांगजन सुविधाओं के लिए तरस कर रह गए हैं। इस मसले को हिमाचल प्रदेश दिव्यांगजन महासंघ के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने केंद्रीय मंत्रालय के संयुक्त निदेशक से भी पत्राचार के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के इस सेंटर की बंद कर दी गई ग्रांड को बहाल करने की गुहार लगाई है और आग्रह किया है कि दिव्यांगों के साथ जो बंदरबांट की तर्ज पर व्यवहार किया जा रहा है । उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए और दिव्यांगजनों को भी आमजनों की भांति एक समान दृष्टि के साथ ऊपर उठाया जाए ताकि वह भी सामान्य व्यक्तियों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकें ।
दिव्यांगों के साथ जो अन्याय किया जा रहा है उसे किसी भी सूरत में नहीं है और अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिव्यांगजनों के हित में निर्णय लागू करने के आदेश दिए हैं । जिसकाअन्य राज्यों ने उनका अनुसरण किया है। लेकिन हिमाचल प्रदेश ने आज दिन तक भी उसका अनुसरण नहीं किया है । इससे हिमाचल प्रदेश के दिव्यांगजनों को सरकारी तंत्र के आगे अछूता सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर प्रदेश सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के निर्णय को लागू नहीं करती है तो कोर्ट के निर्णय की अवमानना के चलते हिमाचल सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्वयं ही केस दर्ज हो जाएगा।