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बिलासपुर , 27 फरवरी ! आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर द्वारा राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्रा ,घुमारवीं के सभागार में बिलासपुर के लोकगीत गंगी ,मोहना और संस्कार गीतों का कार्यक्रम करवाया गया । इस कार्यक्रम में पाठशाला की छात्राओं ने सामूहिक व एकल गीत गाकर सबका मन मोह लिया । जिला के अन्य क्षेत्रों से आए हुए लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी । इस अवसर पर साहित्यकार एवं लोक गायिका श्रीमती संदेश शर्मा ने लोकगीत गंगी पर एक व्याख्यान दिया तथा लोकगीत भी सुनाएं। पाठशाला के प्रधानाचार्य श्री कुलदीप डोगरा ने इस कार्यक्रम को उनकी पाठशाला में आयोजित करवाने के लिए जिला भाषा अधिकारी का आभार व्यक्त किया तथा अगले सत्र में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए आग्रह किया । पाठशाला की शिक्षिका मीना चंदेल ने इस आयोजन में भाषा विभाग का भरपूर सहयोग दिया। जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया की आधुनिकता की होड़ में लोकगीतों का महत्व कम हो रहा है ।आने वाली पीढ़ी को लोकगीतों से रूबरू करवाने तथा उनकी रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि आने वाली पीढ़ी लोकगीतों की मार्मिकता व महत्त्व परिचित हो और इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग ले। विभाग कलाकारों को मंच प्रदान करने तथा उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए सदैव प्रयासरत है।जिला भाषा अधिकारी ने प्रधानाचार्य व अध्यापक वर्ग का सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
इस कार्यक्रम में पाठशाला की छात्राओं ने सामूहिक व एकल गीत गाकर सबका मन मोह लिया । जिला के अन्य क्षेत्रों से आए हुए लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी । इस अवसर पर साहित्यकार एवं लोक गायिका श्रीमती संदेश शर्मा ने लोकगीत गंगी पर एक व्याख्यान दिया तथा लोकगीत भी सुनाएं।
पाठशाला के प्रधानाचार्य श्री कुलदीप डोगरा ने इस कार्यक्रम को उनकी पाठशाला में आयोजित करवाने के लिए जिला भाषा अधिकारी का आभार व्यक्त किया तथा अगले सत्र में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए आग्रह किया । पाठशाला की शिक्षिका मीना चंदेल ने इस आयोजन में भाषा विभाग का भरपूर सहयोग दिया।
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जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया की आधुनिकता की होड़ में लोकगीतों का महत्व कम हो रहा है ।आने वाली पीढ़ी को लोकगीतों से रूबरू करवाने तथा उनकी रूचि बढ़ाने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि आने वाली पीढ़ी लोकगीतों की मार्मिकता व महत्त्व परिचित हो और इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग ले।
विभाग कलाकारों को मंच प्रदान करने तथा उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए सदैव प्रयासरत है।जिला भाषा अधिकारी ने प्रधानाचार्य व अध्यापक वर्ग का सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।
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