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हिमाचल प्रदेश स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने डीएसपी अनिल मेहता की अगुवाई में जिला मुख्यालय के नजदीक एक निजी अस्पताल में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। विजिलेंस की टीम ने निजी अस्पताल में स्थापित किए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में सहमति पत्र जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर तेज बहादुर सिंह को रिश्वत की 35 हजार रुपए की राशि के साथ रंगे हाथों दबोचा है। विजिलेंस को दी शिकायत में निजी अस्पताल के संचालक ने बताया कि उन्होंने अपने अस्पताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया था और इसको प्रमाणित करने के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से सहमति पत्र की आवश्यकता थी। इसके लिए सोलन जिला के परवाणु स्थित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सेंट्रल लैब के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर तेज बहादुर सिंह ने 35 हज़ार रुपये की मांग की थी। चिकित्सक ने इस संबंध में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की ऊना यूनिट में शिकायत दर्ज कराई। घटना के संबंध में केस दर्ज करते हुए अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। गुरुवार शाम आरोपी डॉक्टर तेज बहादुर सिंह को शिकायतकर्ता चिकित्सक से रिश्वत की राशि देते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। डीएसपी विजिलेंस अनिल मेहता ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि विजिलेंस ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपी को शुक्रवार अदालत में पेश किया जाएगा।
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