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सोलन ! सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सहकारी क्षेत्र ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। डाॅ. सैजल आज कसौली विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुर के लोहांजी गांव में 75 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले खलोगड़ा सहकारी सभा के भवन की आधारशिला रखने के उपरांत स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श कर रहे थे। इस निर्माण कार्य के लिए धन एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत स्वीकृत किया गया है। डाॅ. सैजल ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में आर्थिक सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ रोजगार एवं स्वरोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने का भी साधन भी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को अभी अनेक चुनौतियों का सामना करना है। राज्य के सभी हिस्सों में सहकारिता आंदोलन को पहुंचाने के लिए काफी कुछ किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी सभी के लिए चुनौती बनकर उभरी है तथा इस समस्या का दीर्घकालिक हल निकाला जाना आवश्यक है। प्रथम राष्ट्रीय सहकारी समिति वर्ष 1892 में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के पंजावर में आरंभ हुई थी। डाॅ. सैजल ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन, पुष्पोत्पादन, मौन पालन, पर्यटन, जलविद्युत, दुग्धोत्पादन तथा बैकिंग जैसे क्षेत्रों में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि खलोगड़ा सहकारी सभा का भवन निर्मित होने से आसपास के क्षेत्रों को घर-द्वार पर राशन उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस भवन का निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया सहकारी सभा के माध्यम से नए-नए कार्य आरम्भ करें !
सोलन ! सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में सहकारी क्षेत्र ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। डाॅ. सैजल आज कसौली विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुर के लोहांजी गांव में 75 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले खलोगड़ा सहकारी सभा के भवन की आधारशिला रखने के उपरांत स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श कर रहे थे।
इस निर्माण कार्य के लिए धन एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत स्वीकृत किया गया है। डाॅ. सैजल ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में आर्थिक सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ रोजगार एवं स्वरोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने का भी साधन भी है।
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उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को अभी अनेक चुनौतियों का सामना करना है। राज्य के सभी हिस्सों में सहकारिता आंदोलन को पहुंचाने के लिए काफी कुछ किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी सभी के लिए चुनौती बनकर उभरी है तथा इस समस्या का दीर्घकालिक हल निकाला जाना आवश्यक है। प्रथम राष्ट्रीय सहकारी समिति वर्ष 1892 में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के पंजावर में आरंभ हुई थी।
डाॅ. सैजल ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन, पुष्पोत्पादन, मौन पालन, पर्यटन, जलविद्युत, दुग्धोत्पादन तथा बैकिंग जैसे क्षेत्रों में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि खलोगड़ा सहकारी सभा का भवन निर्मित होने से आसपास के क्षेत्रों को घर-द्वार पर राशन उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस भवन का निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया सहकारी सभा के माध्यम से नए-नए कार्य आरम्भ करें !
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