- विज्ञापन (Article Top Ad) -
सोलन , [ बद्दी ] , 19 अक्टूबर [ पंकज गोल्डी ] ! बी.बी.एन. के कार्यालयों में दिवाली के उपलक्ष्य पर अधिकारियों को परोसे जा रहे लाखों रुपए के उपहारों पर विजिलेंस की नजर तो हैं परन्तु विभाग चाह कर भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बी.बी.एन. में अधिकारियों को दिवाली के उपलक्ष्य पर उद्योगपतियों द्वारा करोड़ों रुपए के उपहार वितरित किए जाते है। जिसकी हर साल विजिलेंस व अन्य जांच एजेंसियों को शिकायतें भी जाती है परन्तु यह विभाग कानूनी दांवपेच के चलते अपनी कार्यवाही नहीं कर पाते। क्योंकि यह एजेंसियां कैश के लेनदेन में तो कार्यवाही कर सकते हैं व बंद लिफाफे में क्या है इसकी जांच नहीं कर पाते। न ही कोई उद्योगपति इस प्रकार की शिकायत करता है। आलम यह है कि बी.बी.एन. के मुख्य विभागों में तो इस कद्र उपहारों का लेन देन होता है कि अधिकारियाों को उपहारों केा घर पहूंचाने के लिए ट्रक यूनियन से गाडिय़ां लेनी पड़ती है। उद्योगपतियों ने इन उद्योगों से सारा साल काम लेना होता है व बंद लिफाफों में सोने, चांदी समेत महंगे उपहार भी होते हैं। कुल मिलाकर उपहारों के रूप में बी.बी.एन. कार्यालयों में जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है उसके प्रति पुलिस व अन्य विभाग भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाता क्योंकि यह उद्योगपति इन विभागों में भी इसी तर्ज पर उपहार देते हैं परन्तु पैकेट के अंदर के सामान को बदल दिया जाता है। दिवाली के दिनों में अगर किसी अधिकारी का ट्रांसफर हो जाता है तो इससे बड़ा झटका उसके लिए कोई नहीं होता। यहां से ट्रांसफर होने वाले अधिकारी बी.बी.एन. के लोगों को तो भूल सकते हैं परन्तु यहां की दीवाली को नहीं भूल पाते। डी.एस.पी. विजिलेंस योगेश जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विजिलेंस लेनदेन के मामले में कार्यवाही कर सकती है परन्तु बिना शिकायत गिफ्टों पर कार्यवाही नहीं कर सकते। करणी सेना के जिला प्रभारी आदित्य चड्ढा का कहना है कि आखिर विजिलेंस समेत अनेक प्रकार की खुफिया एजेंसियां उपहारों के रूप में होने वाले करोड़ों के भ्रष्टाचार का पर्दा क्यों नहीं फाश नहीं कर पा रहे। जिस केंद्रीय कार्यालय में आज दिवाली के उपहार देने के लिए उद्योगपतियों की कतारें लगी हुई थी उसी कार्यालय से संबंधित दवा के सैंपल फेल होने के चलते पी.जी.आई. में पांच मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जो कि एक चिंता का विषय है व इन्हीं केंद्रीय उद्योगपतियों के चलते दवा क्षेत्र में हिमाचल का नाम बदनाम हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि दिवाली पर उपहारों के रूप में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जाए।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -