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सोलन ! शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान समय में सभी को बेहतर आवास सुविधा उपलब्ध करवाने में विभिन्न राज्यों के रियल एस्टेट रेग्युलेटरी प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरेश भारद्वाज आज सोलन जिला के चायल में अखिल भारतीय रियल एस्टेट रेग्युलेटरी आथॉरिटीज फोरम के प्रथम दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारम्भ करते के उपरांत विभिन्न राज्यों से रेरा अध्यक्षों एवं अन्य को सम्बोधित कर रहे थे। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सभी को गुणवत्तायुक्त आवास सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ फ्लैट एवं भवन निर्माण के कार्य में नियम पालन आवश्यक है। इस दिशा में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी प्राधिकरण की भूमिका अहम है। आवास मंत्री ने कहा कि रेरा का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को नियंत्रित एवं प्रोत्साहित करने तथा प्लॉट्स, अपार्टमेंट्स और भवनों की पारदर्शिता के साथ बेहतर बिक्री सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए देश की संसद द्वारा रियल इस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 को पारित कर प्रथम मई, 2016 से कार्यन्वित किया गया। अधिनियम के अन्य प्रावधान प्रथम मई, 2017 से प्रभावी हुए। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के योजनाबद्ध विस्तार और नियमन के लिए विभिन्न राज्यों सरकारों ने भी रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम बनाकर रेरा स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन अधिनियमों का लक्ष्य भारत में रियल इस्टेट उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना, घर खरीदने वालों के हितो की रक्षा करना और विवादों के शीघ्र समाधान के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करना है। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम स्वीकृत किए। इस एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि प्रोत्साहक सम्बन्धित रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के साथ अपनी रियल एस्टेट परियोजना का पंजीकरण करे। पंजीकरण नहीं होने की स्थिति में प्रोत्साहक के रियल एस्टेट परियोजना अथवा इसके किसी हिस्से को लेकर विज्ञापन, बाजार, पुस्तक, बिक्री अथवा बिक्री की पेशकश करने या लोगों को इसे खरीदने के लिए आमंत्रित करने पर पाबंदी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रावधान है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रेरा उपभोक्ता मित्र है। यहां असामान्य मामलों को छोड़कर सभी शिकायतों की सुनवाई ऑनलाईन की जा रही है। उन्होंने आशा जताई की यह दो दिवसीय सम्मेलन पारदर्शी, न्याय संगत और सुविधाजनक तरीके से रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रचार तथा विकास के लिए श्रेष्ठ कार्यप्रणाली अपनाने एवं आपसी जानकारी को साझा करने की दिशा में लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से आवास खरीदारों और अन्य हितधारकों को समय पर राहत प्रदान करने के वास्तविक उद्देश्य को वृहद स्तर पर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन देश के विभिन्न रेरा की समीक्षा एवं सुधारात्मक उपाय पर विचार करने का अवसर भी प्रदान करेगा। हिमाचल रेरा के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने सभी का स्वागत करते हुए इस सम्मेलन की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में अखिल भारतीय रियल एस्टेट रेग्युलेटरी प्राधिकरण फोरम का गठन किया गया। हिमाचल प्रदेश रेरा के सदस्य बीसी बड़ालिया ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। हिमाचल प्रदेश रेरा के सदस्य राजीव वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव पास किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के रेरा के अध्यक्ष विवेक धंड, राजस्थान के निहाल सी. गोयल, तमिलनाडु के. नानादिसिकन, बिहार नवीन वर्मा, हरियाणा (पंचकूला) के राजन गुप्ता, पंजाब के एन एस कांग, महाराष्ट्र के अजोय मेहता, दिल्ली के आनंद कुमार, हरियाणा (गुरुग्राम) के के.के. खण्डेलवाल, ओडिशा के सिद्धार्थ दास, उत्तराखण्ड के आर.पंवर, केरल के पी.एच. कुरियन, झारखण्ड की सीमा सिन्हा, गोआ के एस. कुमारस्वामी तथा दीपक सानन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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