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सोलन , [ बद्दी ] , 6 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] !हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बददी के निकट क्लासिक रैजीडैंसी परिसर में फैसिलिएशन कौंसिल (हि.प्र माईक्रो एंड स्माल एंटरप्राईसिस फैसिलिएशन कौंसिल) की एक बैठक का आयोजन गया। यह कौंसिल उद्योगों के लेन देन में पैदा हुए विवादों का निबटारा करती है। इस जागरुकता शिविर में बीबीएन उद्योग संघ, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज, परवाणु इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व लघु उद्योग संघ हिमाचल प्रदेश के सदस्यों सहित अन्य औद्योगिक संगठनों के सदस्यों ने शिरकत की। अतिरिक्त निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि एचपीएमएसईएफसी की बैठक का मुख्य उदेश्य डिलेड पेमेंट (लंबित राशि भुगतान) के बारे में विस्तार से बताना था। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश डोले ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होने कहा कि एमएसएमई में एक पोर्टल है जिसका नाम समाधान है और इसमें हम सब अपनी समस्याएं पंजीकृत करवा सकते हैं। उन्होने कहा कि अगर 45 दिन तक कोई संस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के काम की पेमेंट नहीं करता है तो उस पर केस किया जा सकता है। इस अवसर पर उद्यमियों ने भी अपने मुददे रख। उद्यमियों ने कहा कि यह हमारे लिए समस्या है कि जहां की पेमेंट होती है वहीं केस किया जाएगा जो कि बहुत गलत है। अगर बददी या परवाणु की कोई कंपनी है जिसने दिल्ली की कंपनी से पैसे लेने है तो कहा जाता है कि केस वहीं पर करो जबकि यह केस वहां पर डलना चाहिए जहां का लेनदार हो। लघु उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि सूक्ष्म एंव लघु उद्योगों की पेमेंट समय पर नहीं हो पाती जिससे वो दम तोड जाते हैं। फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज के प्रदेशाध्यक्ष व कौंसिल के विशेष आंमत्रित सदस्य चिंरजीव सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार व कौंसिल यह तय करे के छोटे उद्योगों की राशिक समय पर भुगतान हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएन उद्योग संघ के सरंक्षक राजेंद्र गुलेरिया व शैलेष अग्रवाल ने की और एमएसएमई सैक्टर की समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर लघु उद्योग संघ के महासचिव अनिल मलिक,कोषाध्यक्ष सतपाल जस्स्ल, लघु उद्योग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एडमिन मैनेजर कालिदास शर्मा, चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा, रमेश चौहान, लघु उद्योग संघ के चिंरजीव ठाकुर, अखिलेश यादव, उमेश पराशर ने शिरकत की। सख्त हो कार्यवाही या जीएसटी ब्लाक-अशोक प्रदेश के अग्रणी सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पैरोकार उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ हिमाचल ईकाई के राज्याध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि कौंसिल पेमेंट वाले मुददों पर अच्छा कार्य कर रही है और 80 फीसदी मुददे शिमला में ही सुलझ जाते हैं। इसके अलावा जो मुददे रह जाते हैं वो कोर्ट में चले जाते हैं लेकिन उन पर विभाग को कडा चैक रखना चाहिए। कौंसिल के अधिकारियों व उद्योग विभाग विभाग के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि अगर बडे उद्योग समय पर छोटे कारखानों का भुगतान तय अवधि में नहीं करते तो उसका जी.एस.टी नंबर ब्लाक कर देना चाहिए। अशोक राणा ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे देश की रीड की हडडी एम.एस.एम.ई जो कि सर्वाधिक रोजगार देता है को जीवीत रखने के लिए उससे 20 फीसदी खरीद सरकारी व गैर सरकार संस्थान करे। अगर सूक्ष्म एंव लघु उद्योगों को नहीं बचाया गया तो देश में बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा।
सोलन , [ बद्दी ] , 6 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] !हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बददी के निकट क्लासिक रैजीडैंसी परिसर में फैसिलिएशन कौंसिल (हि.प्र माईक्रो एंड स्माल एंटरप्राईसिस फैसिलिएशन कौंसिल) की एक बैठक का आयोजन गया। यह कौंसिल उद्योगों के लेन देन में पैदा हुए विवादों का निबटारा करती है।
इस जागरुकता शिविर में बीबीएन उद्योग संघ, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज, परवाणु इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व लघु उद्योग संघ हिमाचल प्रदेश के सदस्यों सहित अन्य औद्योगिक संगठनों के सदस्यों ने शिरकत की। अतिरिक्त निदेशक संजय शर्मा ने बताया कि एचपीएमएसईएफसी की बैठक का मुख्य उदेश्य डिलेड पेमेंट (लंबित राशि भुगतान) के बारे में विस्तार से बताना था।
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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश डोले ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होने कहा कि एमएसएमई में एक पोर्टल है जिसका नाम समाधान है और इसमें हम सब अपनी समस्याएं पंजीकृत करवा सकते हैं। उन्होने कहा कि अगर 45 दिन तक कोई संस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के काम की पेमेंट नहीं करता है तो उस पर केस किया जा सकता है।
इस अवसर पर उद्यमियों ने भी अपने मुददे रख। उद्यमियों ने कहा कि यह हमारे लिए समस्या है कि जहां की पेमेंट होती है वहीं केस किया जाएगा जो कि बहुत गलत है। अगर बददी या परवाणु की कोई कंपनी है जिसने दिल्ली की कंपनी से पैसे लेने है तो कहा जाता है कि केस वहीं पर करो जबकि यह केस वहां पर डलना चाहिए जहां का लेनदार हो।
लघु उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि सूक्ष्म एंव लघु उद्योगों की पेमेंट समय पर नहीं हो पाती जिससे वो दम तोड जाते हैं। फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज के प्रदेशाध्यक्ष व कौंसिल के विशेष आंमत्रित सदस्य चिंरजीव सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार व कौंसिल यह तय करे के छोटे उद्योगों की राशिक समय पर भुगतान हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएन उद्योग संघ के सरंक्षक राजेंद्र गुलेरिया व शैलेष अग्रवाल ने की और एमएसएमई सैक्टर की समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर लघु उद्योग संघ के महासचिव अनिल मलिक,कोषाध्यक्ष सतपाल जस्स्ल, लघु उद्योग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एडमिन मैनेजर कालिदास शर्मा, चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तरसेम शर्मा, रमेश चौहान, लघु उद्योग संघ के चिंरजीव ठाकुर, अखिलेश यादव, उमेश पराशर ने शिरकत की।
सख्त हो कार्यवाही या जीएसटी ब्लाक-अशोक प्रदेश के अग्रणी सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पैरोकार उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ हिमाचल ईकाई के राज्याध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि कौंसिल पेमेंट वाले मुददों पर अच्छा कार्य कर रही है और 80 फीसदी मुददे शिमला में ही सुलझ जाते हैं।
इसके अलावा जो मुददे रह जाते हैं वो कोर्ट में चले जाते हैं लेकिन उन पर विभाग को कडा चैक रखना चाहिए। कौंसिल के अधिकारियों व उद्योग विभाग विभाग के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि अगर बडे उद्योग समय पर छोटे कारखानों का भुगतान तय अवधि में नहीं करते तो उसका जी.एस.टी नंबर ब्लाक कर देना चाहिए।
अशोक राणा ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे देश की रीड की हडडी एम.एस.एम.ई जो कि सर्वाधिक रोजगार देता है को जीवीत रखने के लिए उससे 20 फीसदी खरीद सरकारी व गैर सरकार संस्थान करे। अगर सूक्ष्म एंव लघु उद्योगों को नहीं बचाया गया तो देश में बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा।
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