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सोलन ,09 अक्टूबर ! आधुनिकता की चकाचौंध व डिजिटल युग में भी डाक अपना महत्व बनाये हुए है। आज भी डाक विभाग की विश्वसनीयता पहले की तरह बरकरार है। आज विश्व डाक दिवस है। 9 अक्टूबर 1969 से डाक दिवस हर वर्ष आयोजित किया जाता है। आज भी लोग बेसब्री से डाकिये का इंतेजार अपने जरूरी दस्तावेजों के लिये करते है। हालांकि आधुनिक डिजिटल दौर में अब प्यार के पैगाम डाक के माध्यम से नहीं आते जाते है लेकिन सरकारी एंव अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज आज भी डाक विभाग से ही आते है। मेल भी डाक विभाग की लोकप्रियता को कम नहीं कर सकी है। अनेक डिजिटल प्लैटफॉर्म होंने के बाद आज भी डाक सेवा अपना अपना स्थान है हां कमी आई है तो हाल चाल पूछे जाने वाले पत्रों में बाकी बदस्तूर जारी है। हमारें संवाददाता से बात करते हुए डाक कर्मियों ने बताया कि वह पिछले करीब 30 वर्षो से डाक सेवको का कार्य कर रहे है। व घर घर जाकर लोगो को चिठियां पहुचाते है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में बस इतना फर्क है कि अब हाॅल चाल पूछे जाने वाले पत्रों मे कमी आई है बाकी सरकारी एंव अन्य गैर सरकारी दस्तावेज पहले की तरह वह लोगो को दे रहे है। उन्होंने कहा कि कोरियर सहित कई चीजे आई है लेेकिन डाक विभाग का आज भी एक अपना महत्व है। व डाक का अपना अलग ही वर्चसव है। जो कि आधुनिकता की चकाचौंध में भी जारी है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,09 अक्टूबर ! आधुनिकता की चकाचौंध व डिजिटल युग में भी डाक अपना महत्व बनाये हुए है। आज भी डाक विभाग की विश्वसनीयता पहले की तरह बरकरार है। आज विश्व डाक दिवस है। 9 अक्टूबर 1969 से डाक दिवस हर वर्ष आयोजित किया जाता है। आज भी लोग बेसब्री से डाकिये का इंतेजार अपने जरूरी दस्तावेजों के लिये करते है। हालांकि आधुनिक डिजिटल दौर में अब प्यार के पैगाम डाक के माध्यम से नहीं आते जाते है लेकिन सरकारी एंव अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज आज भी डाक विभाग से ही आते है।
मेल भी डाक विभाग की लोकप्रियता को कम नहीं कर सकी है। अनेक डिजिटल प्लैटफॉर्म होंने के बाद आज भी डाक सेवा अपना अपना स्थान है हां कमी आई है तो हाल चाल पूछे जाने वाले पत्रों में बाकी बदस्तूर जारी है। हमारें संवाददाता से बात करते हुए डाक कर्मियों ने बताया कि वह पिछले करीब 30 वर्षो से डाक सेवको का कार्य कर रहे है।
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व घर घर जाकर लोगो को चिठियां पहुचाते है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में बस इतना फर्क है कि अब हाॅल चाल पूछे जाने वाले पत्रों मे कमी आई है बाकी सरकारी एंव अन्य गैर सरकारी दस्तावेज पहले की तरह वह लोगो को दे रहे है। उन्होंने कहा कि कोरियर सहित कई चीजे आई है लेेकिन डाक विभाग का आज भी एक अपना महत्व है। व डाक का अपना अलग ही वर्चसव है। जो कि आधुनिकता की चकाचौंध में भी जारी है।
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