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शिमला , 09 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में न्युनतम वेतन तथा अन्य मांगों को लेकर लगातार संघर्षशील 108 और 102 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी सभी जिला उपायुक्तों को सोमवार को ज्ञापन सौंपेंगे। आपातकालीन सेवा दे रहे कर्मचारियों का कहना है कि पिछली सरकार के समय से ही ये लगातार न्यूनतम वेतन और अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है मगर अभी तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई। इसलिए 108 और 102 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के लगभग 1800 कर्मचारी सोमवार को जिला उपायुक्तों के माध्यम से नियुतम वेतन को लेकर ज्ञापन देंगे । और मांगे पूरी ना होने पर 24 घण्टों की हड़ताल पर जायेगे। वीओ- 108 एवम 102 यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने कहा कि पिछली भाजपा की सरकार के समय में भी इसी तरह से 108 और 102 कर्मचारियों की कंपनी और सरकार द्वारा अनदेखी देखने को मिली थी जिसको लेकर उस समय भी आपातकालीन सेवा 10 दिन के लिए बाधित कर रही थी। क्योंकि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद न्यूनतम वेतन 15 हजार मासिक तय किया गया था । मगर अभी तक य़ह वेतन लागू नहीं हुआ है। पूर्ण चंद ने बताया कि उसके बाद फिर एक बार इन कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन तथा अन्य मांगों को लेकर सर्वोच्च हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने भी 17,235 रुपए न्यूनतम वेतन देने को कहा है। हालांकि अभी तक इस पर कई बार सरकार से बातचीत होने के बाद कुछ नहीं किया गया जिसको लेकर सोमवार को कर्मचारी सभी जिला उपायुक्तों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देंगे ।यदि फिर भी इनकी मांगे 24घंटे के भीतर नहीं मानी गयी तो 24 घंटे के लिए हड़ताल पर जाने की चेतावी दी गई है ।
शिमला , 09 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में न्युनतम वेतन तथा अन्य मांगों को लेकर लगातार संघर्षशील 108 और 102 आपातकालीन सेवा के कर्मचारी सभी जिला उपायुक्तों को सोमवार को ज्ञापन सौंपेंगे।
आपातकालीन सेवा दे रहे कर्मचारियों का कहना है कि पिछली सरकार के समय से ही ये लगातार न्यूनतम वेतन और अन्य मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है मगर अभी तक इनकी मांगे पूरी नहीं हुई।
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इसलिए 108 और 102 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के लगभग 1800 कर्मचारी सोमवार को जिला उपायुक्तों के माध्यम से नियुतम वेतन को लेकर ज्ञापन देंगे । और मांगे पूरी ना होने पर 24 घण्टों की हड़ताल पर जायेगे।
वीओ- 108 एवम 102 यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने कहा कि पिछली भाजपा की सरकार के समय में भी इसी तरह से 108 और 102 कर्मचारियों की कंपनी और सरकार द्वारा अनदेखी देखने को मिली थी जिसको लेकर उस समय भी आपातकालीन सेवा 10 दिन के लिए बाधित कर रही थी।
क्योंकि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद न्यूनतम वेतन 15 हजार मासिक तय किया गया था । मगर अभी तक य़ह वेतन लागू नहीं हुआ है।
पूर्ण चंद ने बताया कि उसके बाद फिर एक बार इन कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन तथा अन्य मांगों को लेकर सर्वोच्च हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने भी 17,235 रुपए न्यूनतम वेतन देने को कहा है।
हालांकि अभी तक इस पर कई बार सरकार से बातचीत होने के बाद कुछ नहीं किया गया जिसको लेकर सोमवार को कर्मचारी सभी जिला उपायुक्तों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देंगे ।यदि फिर भी इनकी मांगे 24घंटे के भीतर नहीं मानी गयी तो 24 घंटे के लिए हड़ताल पर जाने की चेतावी दी गई है ।
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