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शिमला ! एनएसयूआई उपाध्यक्ष ने कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी जी का सम्मान करते है मगर उनके प्रदेश विश्विद्यालय के लिए एक रुपये का योगदान नही दिया ,फिर किस आधार पर उनकी प्रतिमा लगाई जा रही है जबकि पहले से विश्विद्यालय के तीन किलोमीटर के दायरे में उनकी प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है जो विश्विद्यालय का स्थायी परिसर के समीप है। उपाध्यक्ष का कहना है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुलपति द्वारा ये सब पैसों की फिजूलखर्ची की जा रही है। जिसका एनएसयूआई कड़ा विरोध करती है। इस पेंडामिक मे छात्रों की समेस्टर फीस माफ की जाए व प्रवेश परीक्षा फॉर्म की फीस को माफ किया जाना चाहिये ना कि इन मूर्तियों पर पैसा फिजूल का खर्च किया जाए इस फैसले का एनएसयूआई ने कड़ा विरोध जताया है ।
शिमला ! एनएसयूआई उपाध्यक्ष ने कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी जी का सम्मान करते है मगर उनके प्रदेश विश्विद्यालय के लिए एक रुपये का योगदान नही दिया ,फिर किस आधार पर उनकी प्रतिमा लगाई जा रही है जबकि पहले से विश्विद्यालय के तीन किलोमीटर के दायरे में उनकी प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है जो विश्विद्यालय का स्थायी परिसर के समीप है। उपाध्यक्ष का कहना है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुलपति द्वारा ये सब पैसों की फिजूलखर्ची की जा रही है।
जिसका एनएसयूआई कड़ा विरोध करती है। इस पेंडामिक मे छात्रों की समेस्टर फीस माफ की जाए व प्रवेश परीक्षा फॉर्म की फीस को माफ किया जाना चाहिये ना कि इन मूर्तियों पर पैसा फिजूल का खर्च किया जाए इस फैसले का एनएसयूआई ने कड़ा विरोध जताया है ।
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