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शिमला , 09 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में स्क्रब टाइफस बीमारी ने दस्तक दे दी है प्रदेश के अस्पतालों में स्क्रब टाइफस के मामले सामने आ रहे है। शिमला के आइजीएमसी अस्पताल में अब तक 21 मामले इस माह आ चुके है जबकि 11 मामले जुलाई महीने सामने आए थे वही सितंबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है और इस बीमारी से निपटने के लिए सभी अस्पताल के प्रशासन को निर्देश जारी किए गए है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में हर रोज स्क्रब टायफस के मामले आ रहे हैं। प्रदेश सरकार में सीपीएस संजय अवस्थी ने कहा कि बरसात के मौसम में स्क्रब टायफस के मामले हर साल बढ़ते हैं लेकिन इस बार काफी कम मामले सामने अभी तक आए हैं हालांकि सितंबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आते हैं ऐसे में इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है और अस्पतालों में दवाइयों के साथ ही अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई गई है उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। लोगों को एतिहात बरतने की जरूरत है और लक्षण आने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर इसकी जांच अवश्य करवाएं। इसके अलावा आई फ्लू के मामले भी प्रदेश में आ रहे हैं इससे निपटने के लिए भी अस्पतालों को भी जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।
शिमला , 09 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में स्क्रब टाइफस बीमारी ने दस्तक दे दी है प्रदेश के अस्पतालों में स्क्रब टाइफस के मामले सामने आ रहे है। शिमला के आइजीएमसी अस्पताल में अब तक 21 मामले इस माह आ चुके है जबकि 11 मामले जुलाई महीने सामने आए थे वही सितंबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है और इस बीमारी से निपटने के लिए सभी अस्पताल के प्रशासन को निर्देश जारी किए गए है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में हर रोज स्क्रब टायफस के मामले आ रहे हैं।
प्रदेश सरकार में सीपीएस संजय अवस्थी ने कहा कि बरसात के मौसम में स्क्रब टायफस के मामले हर साल बढ़ते हैं लेकिन इस बार काफी कम मामले सामने अभी तक आए हैं हालांकि सितंबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आते हैं ऐसे में इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है और अस्पतालों में दवाइयों के साथ ही अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई गई है उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। लोगों को एतिहात बरतने की जरूरत है और लक्षण आने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर इसकी जांच अवश्य करवाएं। इसके अलावा आई फ्लू के मामले भी प्रदेश में आ रहे हैं इससे निपटने के लिए भी अस्पतालों को भी जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।
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