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शिमला ! शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि अब तक शिमला शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22.93 करोड़ रूपए के काम पूरे हो चुके हैं और 209 करोड़ रूपये के काम चल रहे है जबकि 62 करोड़ के काम के टेंडर आमंत्रित किये हैं। मंत्री ने कहा कि विभिन्न परियोजनाएं को सक्रिय कार्यान्वयन के चलते इन्हे इसी वर्ष पूरा किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी वजह से काम में कोई रूकावट ना आये। मंत्री ने अंतर्विभागीय समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए जिस से काम समय से पूरा हो सके। भारद्वाज ने अधिकारियों को कार्यों की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए और समयबद्ध पूरा करने को सुनिश्चित करने के लिए कहा और देरी होने की सूरत में दोषियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि विभाग के व स्मार्ट सिटी के कामों की निरंतर समीक्षा हो रही है। मंत्री ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में तेजी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में शहरी विकास विभाग के निदेशक आबिद हुसैन सादिक़ ने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की और भरोसा दिलाया की विकास कार्य समय से पूरे किये जायेंगे। मंत्री ने कहा कि आईजीएमसी के पास पार्किंग कॉम्प्लेक्स, आईजीएमसी से संजौली तक स्मार्ट रास्ता, विकासनगर और लक्करबाज़ार में एलिवेटर और फुट ओवर ब्रिज एक वर्ष के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। अन्य परियोजनाएं जैसे छोटा शिमला और चौड़ा मैदान में बुक कैफे, विकासनगर में वेंडिंग जोन, सब्ज़ी मंडी में कुछ दुकानें, सर्कुलर रोड पर घटकों को चौड़ा करना, पैदल पथ जून 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है। भारद्वाज ने निर्देश दिया कि अन्य प्रमुख परियोजनाएं जो शहर को बेहतरीन बनाएगी उन्हें प्राथमिकता दी जाए। एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र, स्मार्ट बस स्टॉप, नागरिकों को उनके दरवाजे पर विभिन्न सेवाओं के लिए स्मार्ट समाधान, आदि जल्दी ही कार्यान्वित किये जायेंगे। स्टैक पार्किंग के कांसेप्ट को भी शामिल किया जायेगा ताकि IGMC पार्किंग में उपलब्ध स्थान का सदुपयोग किया जा सके। इसके अलावा, सुरंग की संभावना को ध्यान में रखते हुए ढली में एचआरटीसी कार्यशाला के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण को शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कार्यान्वित किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पहले से ही शामिल आइस स्केटिंग रिंक की परियोजना को शामिल किया गया है जिसे गति प्रदान की जाएगी। मंत्री ने कहा कि अभी तक शिमला स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कार्यान्वयन विभागों को 118.60 करोड़ रुपये जारी किए गए है।
शिमला ! शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि अब तक शिमला शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22.93 करोड़ रूपए के काम पूरे हो चुके हैं और 209 करोड़ रूपये के काम चल रहे है जबकि 62 करोड़ के काम के टेंडर आमंत्रित किये हैं। मंत्री ने कहा कि विभिन्न परियोजनाएं को सक्रिय कार्यान्वयन के चलते इन्हे इसी वर्ष पूरा किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी वजह से काम में कोई रूकावट ना आये। मंत्री ने अंतर्विभागीय समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए जिस से काम समय से पूरा हो सके। भारद्वाज ने अधिकारियों को कार्यों की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए और समयबद्ध पूरा करने को सुनिश्चित करने के लिए कहा और देरी होने की सूरत में दोषियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि विभाग के व स्मार्ट सिटी के कामों की निरंतर समीक्षा हो रही है। मंत्री ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों में तेजी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में शहरी विकास विभाग के निदेशक आबिद हुसैन सादिक़ ने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की और भरोसा दिलाया की विकास कार्य समय से पूरे किये जायेंगे।
मंत्री ने कहा कि आईजीएमसी के पास पार्किंग कॉम्प्लेक्स, आईजीएमसी से संजौली तक स्मार्ट रास्ता, विकासनगर और लक्करबाज़ार में एलिवेटर और फुट ओवर ब्रिज एक वर्ष के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। अन्य परियोजनाएं जैसे छोटा शिमला और चौड़ा मैदान में बुक कैफे, विकासनगर में वेंडिंग जोन, सब्ज़ी मंडी में कुछ दुकानें, सर्कुलर रोड पर घटकों को चौड़ा करना, पैदल पथ जून 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है। भारद्वाज ने निर्देश दिया कि अन्य प्रमुख परियोजनाएं जो शहर को बेहतरीन बनाएगी उन्हें प्राथमिकता दी जाए। एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र, स्मार्ट बस स्टॉप, नागरिकों को उनके दरवाजे पर विभिन्न सेवाओं के लिए स्मार्ट समाधान, आदि जल्दी ही कार्यान्वित किये जायेंगे। स्टैक पार्किंग के कांसेप्ट को भी शामिल किया जायेगा ताकि IGMC पार्किंग में उपलब्ध स्थान का सदुपयोग किया जा सके। इसके अलावा, सुरंग की संभावना को ध्यान में रखते हुए ढली में एचआरटीसी कार्यशाला के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण को शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कार्यान्वित किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पहले से ही शामिल आइस स्केटिंग रिंक की परियोजना को शामिल किया गया है जिसे गति प्रदान की जाएगी।
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मंत्री ने कहा कि अभी तक शिमला स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कार्यान्वयन विभागों को 118.60 करोड़ रुपये जारी किए गए है।
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