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शिमला ! सूबे में साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए पंजीकरण आवश्यक होगा। पंजीकरण के बगैर कोई भी ऑपरेटर अथवा गाइड साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेगा। ऐसा करने की स्थिति में यह गैर कानूनी कृत्य होगा। पंजीकरण के साथ साथ साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले लोगों की सुरक्षा का ख्याल भी ऑपरेटरों को रखना होगा। ऑपरेटरों के पास मनाली स्थित पर्वता रोहण संस्थान के अलावा किसी भी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य किया गया है।साथ ही इन्हें हिमाचल में कार्यालय खोलना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश में साल दर साल आने वाले सैलानियों की आमद में इजाफा हो रहा है। पैरा च्लाइडिंग के साथ साथ रिवर राफ्टिंग व ट्रैकिंग के लिए भी हर साल हजारों युवा सैलानी हिमाचल की वादियों का रुख करते हैं। हर साल कोई न कोई हादसा साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधयों के दौरान घटित होने से कई बार इसमें हिस्सा लेने वाले युवाओं की जान भी चली जाती है। हादसों पर नकेल कसने के साथ साथ साहसिक पर्यटन की गैर कानूनी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पर्यटन महकमा ने नियमों को बनाया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के बाद इन नियमों को अधिसूचित किया जाना है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक साहसिक पर्यटन से जुड़़ी गतिविधियों रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, फन पार्कस जॉय राईड्स , रॉक क्लाइंबिंग के आयोजन के लिए आपरेटरों को पर्यटन विभाग के पास पंजीकरण करवाना होगा। आयोजकों व इनके पास कार्यरत गाईडों के पास दो साल का अनुभव आवश्यक है। अनुभव के प्रमाण पत्र के बगैर साहसिक खेलों की अनुमति नहीं होगी। आयोजन के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना होने की स्थिति में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था करनी होगी। ऑपरेटरों केपास दो अनुभवी कर्मचारियों का होना आवश्यक है। आपरेटरों को गाइड तथा इंस्ट्रक्टर के पहचान पत्र पंजीकरण के दौरान देने होंगे। साथ ही अनुभव के प्रमाण पत्र भी साथ लगने होंगे। साहसिक खेल गतिविधियों के आयोजन के लिए एसओपी जारी होगी। प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना अनिवार्य किया गया है। ऑपरेटरों के क्रियाकलापों के आकलन के लिए पर्यटन विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी समिति गठित होगी। समिति में सदस्यों के साथ साथ सदस्य सचिव व उपाध्यक्ष होगा। ट्रैकिंग गतिविधियां प्रात: 7 से सांय 7 बजे तक ही होंगी। ट्रैकिंग के दौरान वन विभाग के अधिकृत ट्रैकिंग रूट का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। ट्रैकिंग अभियान के दौरान भी सुरक्षा उपायों का ख्याल रखना आवश्यक है। साथ ही ट्रैकिंग में जाने वाले युवाओं का स्वस्थ होना सुनिश्चित करना अनिवर्या होगा। एक दिन से अधिक के ट्रैकिंग अभियान में टेंटिंग के साथ साथ अन्य व्यवस्थाओं का भी ख्याल रखना होगा
शिमला ! सूबे में साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए पंजीकरण आवश्यक होगा। पंजीकरण के बगैर कोई भी ऑपरेटर अथवा गाइड साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेगा। ऐसा करने की स्थिति में यह गैर कानूनी कृत्य होगा। पंजीकरण के साथ साथ साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले लोगों की सुरक्षा का ख्याल भी ऑपरेटरों को रखना होगा। ऑपरेटरों के पास मनाली स्थित पर्वता रोहण संस्थान के अलावा किसी भी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य किया गया है।साथ ही इन्हें हिमाचल में कार्यालय खोलना अनिवार्य किया गया है।
प्रदेश में साल दर साल आने वाले सैलानियों की आमद में इजाफा हो रहा है। पैरा च्लाइडिंग के साथ साथ रिवर राफ्टिंग व ट्रैकिंग के लिए भी हर साल हजारों युवा सैलानी हिमाचल की वादियों का रुख करते हैं। हर साल कोई न कोई हादसा साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधयों के दौरान घटित होने से कई बार इसमें हिस्सा लेने वाले युवाओं की जान भी चली जाती है। हादसों पर नकेल कसने के साथ साथ साहसिक पर्यटन की गैर कानूनी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पर्यटन महकमा ने नियमों को बनाया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के बाद इन नियमों को अधिसूचित किया जाना है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक साहसिक पर्यटन से जुड़़ी गतिविधियों रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, फन पार्कस जॉय राईड्स , रॉक क्लाइंबिंग के आयोजन के लिए आपरेटरों को पर्यटन विभाग के पास पंजीकरण करवाना होगा। आयोजकों व इनके पास कार्यरत गाईडों के पास दो साल का अनुभव आवश्यक है। अनुभव के प्रमाण पत्र के बगैर साहसिक खेलों की अनुमति नहीं होगी। आयोजन के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना होने की स्थिति में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था करनी होगी। ऑपरेटरों केपास दो अनुभवी कर्मचारियों का होना आवश्यक है। आपरेटरों को गाइड तथा इंस्ट्रक्टर के पहचान पत्र पंजीकरण के दौरान देने होंगे। साथ ही अनुभव के प्रमाण पत्र भी साथ लगने होंगे। साहसिक खेल गतिविधियों के आयोजन के लिए एसओपी जारी होगी। प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना अनिवार्य किया गया है। ऑपरेटरों के क्रियाकलापों के आकलन के लिए पर्यटन विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी समिति गठित होगी। समिति में सदस्यों के साथ साथ सदस्य सचिव व उपाध्यक्ष होगा। ट्रैकिंग गतिविधियां प्रात: 7 से सांय 7 बजे तक ही होंगी। ट्रैकिंग के दौरान वन विभाग के अधिकृत ट्रैकिंग रूट का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। ट्रैकिंग अभियान के दौरान भी सुरक्षा उपायों का ख्याल रखना आवश्यक है। साथ ही ट्रैकिंग में जाने वाले युवाओं का स्वस्थ होना सुनिश्चित करना अनिवर्या होगा। एक दिन से अधिक के ट्रैकिंग अभियान में टेंटिंग के साथ साथ अन्य व्यवस्थाओं का भी ख्याल रखना होगा
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