- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! राजधानी शिमला में इस बार त्याग व बलिदान का पर्व मुहर्रम शुक्रवार को सादगी के साथ मनाया गया। इस बार शिया समुदाय के लोगो द्वारा ताजिया नही निकाला गया और इमाम बाड़ा मस्जिद में ही मातमे हुसैन मनाया गया । मस्जिद में शिया समुदाय के लोगो ने हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को याद किया। इस दौरान लोग गमगीन नजर आए। हालांकि हर वर्ष लोग बड़े स्तर पर जुलूस, ताजिया निकालते थे परन्तु गत वर्ष और इस बार भी जुलूस नही निकाला गया।ताजिये और जुलूस के दौरान लोग अपने आप को जख्मी कर हुसैन की याद में रोते है। इमामबाड़ा के मौलवी हाजी मोहम्मद अब्दुल्लाह ने कहा कि मोहर्रम महीने का दसवां दिन सबसे खास माना जाता है. मोहर्रम महीने की दस तारीख को कर्बला की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. हजरत इमाम हुसैन ने इस्लाम की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था. इस जंग में उनके 72 साथी भी शहीद हुए थे. हर साल इस दिन जुलूस निकाला जाता था लेकिंन गत वर्ष से यह जुलूस नही निकाला जा रहा है।अल्लाह से अमन और चेन की दुआ की गई ।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -