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शिमला ! शनिवार को श्री गुरु रविदास मंदिर प्रांगण बसदेहड़ा संयुक्त अनुसूचित जाति समाज भीम आर्मी भारत एकता मिशन द्वारा सम्मेलन आयोजित किया गया महाऋषी वाल्मीकि यूथ एकता मिशन हिमाचल प्रदेश एवं भीम आर्मी हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारियों सहित अनुसूचित जाति की धार्मिक संस्थाओं ने भाग लिया और अपने विचार रखे। बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने भाग लिया। सम्मेलन के बाद अनुसूचित जाति संगठनों द्वारा अनुसूचित जाति समाज, आरक्षण और एससीएसटी के सम्मान में रोष रैली ऊना एमसी पार्क तक निकाली गई। एमसी पार्क से उपायुक्त कार्यालय परिसर तक संगठनों द्वारा पैदल मार्च किया गया। बसदेहड़ा में विभिन्न गांवों से पहुंचे वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी ने सर्वण समाज द्वारा आरक्षण और एससीएसटी एक्ट के विरोध को गलत ठहराया। कहा कि कोई अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें लेकिन अनुसूचित जाति को मिले अधिकारों और एक्ट के विरोध को समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। सवर्ण समाज के कुछ लोग सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता के लिए जहां इन अधिकारों का विरोध कर रहे हैं दूसरी ओर सोशल मीडिया सार्वजनिक होकर अनुसूचित जाति के समाज को गालियां दे रहे हैं ऐसे लोगों का समाज की चेतावनी है वक्त रहते सुधर जाएं अन्यथा कानूनी कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। सम्मेलन की अगुआई कर रहे पूर्व पार्षद एवं श्री गुरु रविदास महासभा के उपाध्यक्ष रवि बस्सी ने कहा कि सर्वण आयोग की मांग कर रहे कुछ शरारती तत्व संविधानिक अधिकारों आरक्षण और एससीएसटी एक्ट का विरोध कर रहे हैं। जोकि सरासर गलत है। अनुसूचित जाति समाज इसे सहन नहीं करेगा। जिस दिन मैहतपुर प्रवेश द्वार पर सवर्ण संगठनों की पद यात्रा आई उस दिन 144 धारा लगाई गई थी। आखिर ऐसे में यह पद यात्रा इस धारा के लगे होने के बावजूद प्रवेश कैसे कर गई। इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। अनुसूचित जाति के बारे में गंदी शब्दावली बरती गई है। जिसको दलित भाईचारा सहन नहीं करेगा। ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिलाध्यक्ष रिंकू सहजल ने कहा है कि हमारे असली दुश्मन वह लोग हैं जो आरक्षित सीटों से विधायक बने हैं, जो मुद्दों पर चुप रहते हैं। हमें आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है। हमें जमीन और अन्य साधनों में अपना हिस्सा चाहिए। पूना पैक्ट रद्द किया जाए ओर दलितों को डबल वोटिंग का अधिकार दिया गया। 1931 की जनगणना को तत्काल कार्यान्वयन आदि धर्म भी बहाल किया जाए। राजनीतिक आरक्षण को तत्काल रद्द करना। शिक्षा सुविधाओं का विस्तार किए जाए दलितों के अधिकारों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की । इस दौरान महाऋषि वाल्मीकि यूथ एकता महासभा के संचालक अमित कुमार (दोदी), संजय बाबा, सनी गिल, रमन, वीरेंद्र, गोलू, रूबी, राजीव, रमन, ईशांत, करण, रजत, तरुण, अनिल, हनीश, भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला अध्यक्ष रिंकू सहजल, अमरीक, सुभाष, आनंद किशोर, छिंदा, कुलदीप, तरसेम सहोता, रानो देवी, जरनैल सिंह, बारु राम, गिल अजोली, विशाल, गोरी, चेतन, सरवन सिंह, बख्शी, आशु दगोड़, कश्मीरी लाल, बलराम महे, अन्य समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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