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शिमला ! शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां फोरलेन संघर्ष समिति के मामलों के निवारण के लिए गठित मंत्रिमंडल उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और प्रदेश सरकार राइट-आॅफ-वे से सटी/बाहर भूमि पर हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व प्रदेश सरकार को मिलकर नीति बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रभावित लोगों को चिन्हित किया जाए और ऐसे प्रभावितों को तुरंत उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को प्रभावित परिवारों का ब्यौरा एकत्रित करने और पुनर्वास नीति के अन्तर्गत मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता में लम्बित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए उचित कदम उठाए जाए। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के मल्टीपलीकेशन फेक्टर को एक से अधिक करने के सम्बंध में संघर्ष समिति द्वारा दिए गए सुझावों को मुख्यमंत्री के समक्ष चर्चा के लिए रखा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के सदस्यों को रोजगार प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को पांच मीटर कंट्रोल ब्रिडथ मामले में राहत प्रदान करने पर विचार करेगी। फोरलेन के लिए भूमि अधिग्रहण से जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं, वहां बाईपास बनाकर उन्हें विस्थापित होने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कें देश और प्रदेश की भाग्य रेखाएं कही जाती हैं। राज्य में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजनाओं को निर्धारित समय पर पूरा किया जाए ताकि इससे प्रदेश के लोग लाभान्वित हों। प्रधान सचिव राजस्व के.के पंत, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग शुभाशीष पांडा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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