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शिमला , 08 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ईकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की परिषद समय समय पर छात्रों के हितों के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती आ रही है। इसी संदर्भ में उन्होंने बताया की आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ईकाई द्वारा अंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष पर संगोष्ठी आयोजित की ऐसे कार्यक्रमों को करने के पीछे परिषद का एक ही उद्देश्य रहता है की तरुनाई छात्र शक्ति हमारे देश के महान व्यक्तियों से प्रेरणा ले कर अपने जीवन में उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अनुसरण करे और देश के प्रत्येक छात्र को महान विभूतियों जी जीवनी के बारे में जान कर के उनके राष्ट्र प्रेम को देखते हुए ऊर्जा प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सीएल बंगा जी ने अपने वक्तव्य में बताया की बीआर अंबेडकर जी ने अपने जीवन में बहुत सी मुश्किलों का सामना करते हुए भी शिक्षा प्राप्त करी और उस समय जब देश की स्थिति रुढ़ीवादी धारणाओं से समाज बंटा हुआ था उस समय में अंबेडकर जी ने अपनी कुशाग्र बुद्धि के बल पर बाहरले मुल्कों में जा कर के भारत का परचम लहराया था। क्योंकि उनका अटल संकल्प था की भारत में वर्ग व्यवस्था और छुआछूत को दूर करना है क्यों की वह बचपन से उन मुश्किलों का सामना करते आ रहे थे। अपने वक्तव्य में बांगा जी ने बताया की जिस कारण से देश गुलामी की जंजीरों ने जकड़ा था वे असमानता था इसी बात को मध्य नजर रखते हुए बीआर अंबेडकर जी ने हमारे संविधान में नागरिकों को पहला अधिकार समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 में दिया गया है। कार्यक्रम के अंत में इकाई मंत्री अविनाश ने संगोष्ठी में उपस्थित विश्वविद्यालय के सभी छात्रों का धन्यवाद व्यक्त किया और अविनाश जी ने कहा की बाबा साहेब आंबेडकर जी हम सभी में समरसता का भाव उत्पन करने का काम करते हैं, हमे उनकी जीवनी और उनकी लिखी किताबों को पढ़ कर उनका अनुसरण करना अति आवश्यक है।
शिमला , 08 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ईकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की परिषद समय समय पर छात्रों के हितों के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती आ रही है।
इसी संदर्भ में उन्होंने बताया की आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ईकाई द्वारा अंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष पर संगोष्ठी आयोजित की ऐसे कार्यक्रमों को करने के पीछे परिषद का एक ही उद्देश्य रहता है की तरुनाई छात्र शक्ति हमारे देश के महान व्यक्तियों से प्रेरणा ले कर अपने जीवन में उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में अनुसरण करे और देश के प्रत्येक छात्र को महान विभूतियों जी जीवनी के बारे में जान कर के उनके राष्ट्र प्रेम को देखते हुए ऊर्जा प्राप्त कर सकें।
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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सीएल बंगा जी ने अपने वक्तव्य में बताया की बीआर अंबेडकर जी ने अपने जीवन में बहुत सी मुश्किलों का सामना करते हुए भी शिक्षा प्राप्त करी और उस समय जब देश की स्थिति रुढ़ीवादी धारणाओं से समाज बंटा हुआ था उस समय में अंबेडकर जी ने अपनी कुशाग्र बुद्धि के बल पर बाहरले मुल्कों में जा कर के भारत का परचम लहराया था। क्योंकि उनका अटल संकल्प था की भारत में वर्ग व्यवस्था और छुआछूत को दूर करना है क्यों की वह बचपन से उन मुश्किलों का सामना करते आ रहे थे।
अपने वक्तव्य में बांगा जी ने बताया की जिस कारण से देश गुलामी की जंजीरों ने जकड़ा था वे असमानता था इसी बात को मध्य नजर रखते हुए बीआर अंबेडकर जी ने हमारे संविधान में नागरिकों को पहला अधिकार समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 में दिया गया है।
कार्यक्रम के अंत में इकाई मंत्री अविनाश ने संगोष्ठी में उपस्थित विश्वविद्यालय के सभी छात्रों का धन्यवाद व्यक्त किया और अविनाश जी ने कहा की बाबा साहेब आंबेडकर जी हम सभी में समरसता का भाव उत्पन करने का काम करते हैं, हमे उनकी जीवनी और उनकी लिखी किताबों को पढ़ कर उनका अनुसरण करना अति आवश्यक है।
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