- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करती है तथा मांग करती है कि सरकार तुरन्त कूटनीतिक कदम उठाकर यूक्रेन व रूस सरकार से अधिकारिक रूप से बातचीत के माध्यम से वहां फंसे सभी छात्रों को सुरक्षित वापिस भारत लाने के संजीदगी से हरसंभव प्रयास करे। सरकार यूक्रेन के भारतीय दूतावास को वहां के विभिन्न शहरों व बॉर्डरो पर फंसे छात्रों को सहयोग के लिए सक्रियता से कार्य करने के आदेश जारी करें ताकि उन्हें वहां से शीघ्र सुरक्षित निकाला जा सके और वहाँ पर उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं का संकट न हो। यूक्रेन में लगभग 20000 से अधिक भारतीय छात्र विभिन्न शहरों के विश्विद्यालय में मेडिकल व अन्य विषयों की पढ़ाई करते हैं। विभिन्न माध्यमों से खबरों के अनुसार आज भी क़रीब 15000 से अधिक छात्र यूक्रेन के विभिन्न शहरों व बॉर्डर पर वतन वापसी का इंतजार कर रहे हैं। परन्तु युद्ध के चलते रूस की सेना द्वारा हमलों की तीव्रता बढ़ने से अब संकट गंभीर होता जा रहा है और इन छात्रों के पास भोजन, पानी, दवाओं जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी के कारण मानसिक प्रताड़ना बढ़ रही है। रूस द्वारा कीव व खरखोव शहरों पर हमले तेज कर दिये हैं जिससे इन शहरों से युद्ध के चलते आवाजाही बिल्कुल भी सम्भव नहीं है। आज खरखोव शहर जहां युद्ध तेजी से बढ़ रहा है में करीब 1500 से अधिक भारतीय छात्र फंसे है और जैसे जैसे युद्ध बढ़ रहा है इनमें दहशत काaआAआA माहौल में है क्योंकि वहाँ से बाहर निकलने के लिए किसी भी प्रकार के परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और दूतावास ने भी एडवाइजरी जारी कर यही सलाह दी है। सरकार को यूक्रेन दूतावास को तुरन्त निर्देश देने चाहिए कि खरखोव व अन्य शहरों में फंसे छात्रों के लगातार संपर्क में रहे और इनके भोजन, पानी, दवाओं आदि मूलभूत आवश्यकताओं को उपलब्ध करवाने के उचित प्रबंध करे तथा इनको बाहर निकालने के लिए भी परिवहन की शीघ्र व्यवस्था कर इन्हें शीघ्र भारत वापिस लाने के लिए प्रयास तेज किये जाए। हिमाचल प्रदेश से भी सैकड़ों छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं। प्रदेश सरकार विदेश मंत्रालय से इन्हें सुरक्षित वापिस लाने के लिए संजीदा प्रयास करे तथा जिन छात्रों को वहाँ पर मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है उन्हें दूतावास के माध्यम से हरसम्भव कदम उठाने के लिए प्रयास करें। क्योंकि जैसे जैसे युद्ध लम्बा खींचने के संभावनाएं बढ़ रही है तो वहाँ फंसे छात्रों के पास साधनों का भी अभाव हो रहा है और परेशानी बढ़ रही है। सीपीएम इस संकट की घड़ी में इन छात्रों व इनके परिवारों के साथ खड़ी है और आशा करती है कि दोनों देश रूस व यूक्रेन इस युद्ध को समाप्त कर बातचीत के माद्यम से कूटनीतिक रूप से इस विवाद व संकट का हल निकलने के लिए पहल करेंगे।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -