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शिमला , 02 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का मामला फिर तूल पकड़ गया है। शनिवार को राज्य सचिवालय में जनजातीय विकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में खूब हंगामा हुआ। केंद्रिय हाटी समिति के पदाधिकारियों ने पहले बैठक में विरोध कर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। इसके बाद सचिवालय के अंदर व बाहर जमकर नारेबाजी की। दरअसल सरकार ने सभी पक्षों की राय सुनने के लिए उन्हें बैठक में बुलाया था। ओबीसी वर्ग ने अपना पक्ष बैठक में रखा। एससी वर्ग के लोगों ने भी अपना पक्ष बैठक में रखा। एससी समुदाय के लोगों की तरफ से दिए गए तर्क पर हाटी समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। इसको लेकर पहले बैठक में तनातनी हो गई। बाद में केंद्रीय हाटी समुदाय के लोगों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। विरोध स्वरूप वह बैठक का बहिष्कार कर बाहर चले गए। उन्होंने सचिवालय परिसर के अंदर व बाहर जमकर नारेबाजी की। हाटी विकास मंच शिमला इकाई के अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है कि केंद्र की मोदी सरकार ने गिरिपार हाटी समुदाय की लाखों लोगो को 70 सालों बाद हक दिया है लेकिन प्रदेश सरकार मे कुछ षड़यंत्रकारी लोग बैठे है जो इस मुद्दे को बार बार लटकाने, अटकाने और भटकाने का काम कर रहे है । सरकार कानून को लागू करने में कतई गंभीर नहीं है। बैठक में उन लोगों को भी बुलाया गया था जो हितधारक है ही नहीं। इनकी वजह से बैठक में हंगामा हुआ। केंद्रिय हाटी समिति समाज को जोड़ने में भरोसा रखती है न की तोड़ने में। वहीं केंद्रिय हाटी समुदाय के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि गिरिपार में बसने वाले हाटी समुदाय के लोगों का सब्र का बांध टूटने लगा है। कानून लागू न होने से इस समुदाय में आक्रोश और बढ़ गया है। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मसले पर केंद्र सरकार से कुछ बिंदुओं पर क्लेरिफिकेशन मांगी है। सितंबर महीने में इसको लेकर केंद्र को पत्र लिखा गया था। अभी तक इसका जवाब नहीं आया। अब दोबारा केंद्र को रिमाइंडर भेजा गया है। केंद्र जब इस पर क्लेरिफिकेशन देगा तब इस पर सरकार आगामी निर्णय लेगा। जहां तक हाटी समुदाय के लोगों को जनजातीय सर्टिफिकेट देने की बात है उस पर लाॅ विभाग से भी राय मांगी है। कुछ लोगों ने बैठक का बायकॉट किया। केंद्र से जवाब आने के बाद सरकार इस दिशा में आगामी निर्णय लेगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जनजातीय विकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। मैने सांसद सुरेश कश्यप से व्यक्तिगत तौर पर बात की थी कि वह भी इस बैठक में आए। एससी वर्ग के लोगों ने जब अपनी बात रखी तो हाटी समुदाय के लोग बैठक से उठकर बाहर चले गए। मैं गिरीपार के सभी लोगों को आश्वासन दिलाना चाहता हुं कि इस का जल्द समाधान निकाला जाएगा। मैं केंद्रिय कानून मंत्री से समय लूंगा और उनसे इस पर जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग करूंगा ताकि यह विवाद न हों। सरकार किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहती। हम शांतिपूर्ण तरीके से इस मामले को सुलझाना चाहते हैं।
शिमला , 02 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का मामला फिर तूल पकड़ गया है। शनिवार को राज्य सचिवालय में जनजातीय विकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में खूब हंगामा हुआ। केंद्रिय हाटी समिति के पदाधिकारियों ने पहले बैठक में विरोध कर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। इसके बाद सचिवालय के अंदर व बाहर जमकर नारेबाजी की।
दरअसल सरकार ने सभी पक्षों की राय सुनने के लिए उन्हें बैठक में बुलाया था। ओबीसी वर्ग ने अपना पक्ष बैठक में रखा। एससी वर्ग के लोगों ने भी अपना पक्ष बैठक में रखा। एससी समुदाय के लोगों की तरफ से दिए गए तर्क पर हाटी समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई। इसको लेकर पहले बैठक में तनातनी हो गई। बाद में केंद्रीय हाटी समुदाय के लोगों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। विरोध स्वरूप वह बैठक का बहिष्कार कर बाहर चले गए। उन्होंने सचिवालय परिसर के अंदर व बाहर जमकर नारेबाजी की।
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हाटी विकास मंच शिमला इकाई के अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है कि केंद्र की मोदी सरकार ने गिरिपार हाटी समुदाय की लाखों लोगो को 70 सालों बाद हक दिया है लेकिन प्रदेश सरकार मे कुछ षड़यंत्रकारी लोग बैठे है जो इस मुद्दे को बार बार लटकाने, अटकाने और भटकाने का काम कर रहे है । सरकार कानून को लागू करने में कतई गंभीर नहीं है। बैठक में उन लोगों को भी बुलाया गया था जो हितधारक है ही नहीं। इनकी वजह से बैठक में हंगामा हुआ। केंद्रिय हाटी समिति समाज को जोड़ने में भरोसा रखती है न की तोड़ने में।
वहीं केंद्रिय हाटी समुदाय के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने कहा कि गिरिपार में बसने वाले हाटी समुदाय के लोगों का सब्र का बांध टूटने लगा है। कानून लागू न होने से इस समुदाय में आक्रोश और बढ़ गया है।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मसले पर केंद्र सरकार से कुछ बिंदुओं पर क्लेरिफिकेशन मांगी है। सितंबर महीने में इसको लेकर केंद्र को पत्र लिखा गया था। अभी तक इसका जवाब नहीं आया।
अब दोबारा केंद्र को रिमाइंडर भेजा गया है। केंद्र जब इस पर क्लेरिफिकेशन देगा तब इस पर सरकार आगामी निर्णय लेगा। जहां तक हाटी समुदाय के लोगों को जनजातीय सर्टिफिकेट देने की बात है उस पर लाॅ विभाग से भी राय मांगी है। कुछ लोगों ने बैठक का बायकॉट किया। केंद्र से जवाब आने के बाद सरकार इस दिशा में आगामी निर्णय लेगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जनजातीय विकास विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। मैने सांसद सुरेश कश्यप से व्यक्तिगत तौर पर बात की थी कि वह भी इस बैठक में आए। एससी वर्ग के लोगों ने जब अपनी बात रखी तो हाटी समुदाय के लोग बैठक से उठकर बाहर चले गए। मैं गिरीपार के सभी लोगों को आश्वासन दिलाना चाहता हुं कि इस का जल्द समाधान निकाला जाएगा।
मैं केंद्रिय कानून मंत्री से समय लूंगा और उनसे इस पर जल्द स्थिति स्पष्ट करने की मांग करूंगा ताकि यह विवाद न हों। सरकार किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहती। हम शांतिपूर्ण तरीके से इस मामले को सुलझाना चाहते हैं।
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