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शिमला ! राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला के निकट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बलदेयां में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘आयुष पाठशाला वाटिका’ अभियान का शुभारंभ किया। शिक्षा विभाग, आयुष विभाग और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आरंभ किए गए इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के चयनित 200 स्कूलों में औषधीय वाटिकाएं विकसित की जाएंगी और विद्यार्थियों को औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे। अभियान के शुभारंभ अवसर पर राज्यपाल ने स्कूल परिसर में स्थापित आयुष पाठशाला वाटिका में रखाल और जिंकगो के पौधे भी रोपित किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने शिक्षकों और विद्यार्थियों से कहा कि वे पौधारोपण के बाद उनकी सही देखभाल भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत इस वर्ष एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि इनकी उचित देखभाल भी की जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चों को औषधीय पौधों की उपयोगिता एवं गुणों से अवगत करवाने के लिए ही इन पौधों के रोपण पर बल दिया जा रहा है। राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में लगभग 600 औषधीय पौधों की पहचान की गई है। इन गुणकारी पौधों का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए तथा इनसे संबंधित जानकारियां संकलित की जानी चाहिए। इन बहुमूल्य पौधों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि ‘आयुष पाठशाला वाटिका’ अभियान के दौरान लगाए गए पौधों के रख-रखाव की जिम्मेदारी हम सभी की है और इस अभियान की सफलता के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। इससे पहले शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक संजीव सूद ने राज्यपाल का स्वागत किया। आयुष विभाग के परियोजना अधिकारी उज्ज्वलदीप शर्मा ने औषधीय पौधों से संबंधित जानकारी प्रदान की और शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक शिक्षा असिथ कुमार मिश्रा ने सबका धन्यवाद किया।
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