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शिमला ! प्रदेश में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद मौसम ने बड़ी तबाही मचाई है। सोमवार को जहां प्रदेश में खिली धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई वहीं दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और तेज आंधी तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई। करीब एक घंटे तक हुई बारिश से जहां पेड़ गिरने की सूचना मिली है वहीं भारी बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसा है। राजधानी शिमला की अगर बात करें तो शहर के कनलोग बाईपास पर सड़क किनारे खड़ी चार गाड़ियों पर देवदार का पेड़ गिरा जिससे गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा लेकिन गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। शहर में करीब चार बजे भारी आंधी तूफान का सिलसिला शुरू हुआ जो करीब एक घंटा तक चला। बारिश से हुए नुकसान का जिला प्रशासन आंकलन कर रहा है और नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि आम तौर पर इस सड़क पर सैंकड़ों वाहन चलते रहते हैं लेकिन कोरोना कर्फ्यू और तेज आंधी तूफान के चलते उस समय इस सड़क पर कम ही वाहन आवाजाही कर रहे थे जिसके चलते कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। वहीं ऊपरी क्षेत्रों में भी बारिश, तुफान के साथ ओलावृष्टि हुई है जिससे जिला में सेब फसल के साथ गुठलीदार फलों और अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि जिला शिमला में बारिश से कितना नुकसान हुआ है। बता दें कि मौसम विभाग ने दो दिन पूर्व ही येलो अलर्ट जारी किया है जिसके तहत प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश के साथ आंधी तूफान आने की चेतावनी जारी की है जो आगामी पांच जून तक जारी रहेगा। उधर, धर्मशाला में भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई, तूफान से कई पेड़ घरों पर गिर गए। हमीरपुर, ज्वालामुखी, रैत, पालमपुर में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई। आसमानी बिजली गिरने से सरकाघाट के गहरा में दो बच्चे बेहोश हो गए।
शिमला ! प्रदेश में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद मौसम ने बड़ी तबाही मचाई है। सोमवार को जहां प्रदेश में खिली धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई वहीं दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और तेज आंधी तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई। करीब एक घंटे तक हुई बारिश से जहां पेड़ गिरने की सूचना मिली है वहीं भारी बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसा है। राजधानी शिमला की अगर बात करें तो शहर के कनलोग बाईपास पर सड़क किनारे खड़ी चार गाड़ियों पर देवदार का पेड़ गिरा जिससे गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा लेकिन गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
शहर में करीब चार बजे भारी आंधी तूफान का सिलसिला शुरू हुआ जो करीब एक घंटा तक चला। बारिश से हुए नुकसान का जिला प्रशासन आंकलन कर रहा है और नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि आम तौर पर इस सड़क पर सैंकड़ों वाहन चलते रहते हैं लेकिन कोरोना कर्फ्यू और तेज आंधी तूफान के चलते उस समय इस सड़क पर कम ही वाहन आवाजाही कर रहे थे जिसके चलते कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
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वहीं ऊपरी क्षेत्रों में भी बारिश, तुफान के साथ ओलावृष्टि हुई है जिससे जिला में सेब फसल के साथ गुठलीदार फलों और अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि जिला शिमला में बारिश से कितना नुकसान हुआ है। बता दें कि मौसम विभाग ने दो दिन पूर्व ही येलो अलर्ट जारी किया है जिसके तहत प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश के साथ आंधी तूफान आने की चेतावनी जारी की है जो आगामी पांच जून तक जारी रहेगा।
उधर, धर्मशाला में भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई, तूफान से कई पेड़ घरों पर गिर गए। हमीरपुर, ज्वालामुखी, रैत, पालमपुर में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई। आसमानी बिजली गिरने से सरकाघाट के गहरा में दो बच्चे बेहोश हो गए।
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