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शिमला , 15 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की संस्कृति व साहित्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए सदैव प्रयासरत है। इस उद्देश्य से विभाग समय-समय पर अनेकों साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है। इसी कड़ी में विभाग द्वारा ‘कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट’ शिमला के संयुक्त तत्वाधान में 22 से 24 मार्च तक ‘मीमांसा’ द्वितीय-बाल साहित्य उत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है। यह ‘मीमांसा’ उत्सव की कड़ी में दूसरा साहित्य उत्सव है, जो पिछले साल मार्च 2023 में भी आयोजित करवाया गया था। उसकी सफलता और बच्चों की भागीदारी को देखते हुए विभाग ने इस साल भी यह उत्सव करवाने का फैसला किया है। बाल जगत की विख्यात लेखिका रूपा पाई इस उत्सव की मुख्यातिथि रहेंगी जो इस महोत्सव का उद्घाटन भी करेंगी और कार्टूनिस्ट उदय शंकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस त्रि-दिवसीय बाल साहित्य उत्सव में पुस्तक समीक्षा, शब्दावली कौशल, नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में स्कूलों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के 25 वर्ष से कम आयु वाले छात्र-छात्राएँ भाग ले सकते हैं। इस साहित्यिक उत्सव का मकसद बच्चों को खुला मंच प्रदान करना है, उन्हें बोलते हुए सुनना, संवादात्मक सत्रों में शामिल होना और साथ ही उन्हें पढ़ने को बढ़ावा देना है। ‘मीमांसा’ बच्चों के लेखन को स्वर देने का एक प्रयास है, चाहे वह किताबों के रूप में हो, या कविता के रूप में सभी उनके द्वारा लिखे गए हों। यह हिमाचल के लोगों और आम जनता के लिए तीन दिवसीय साहित्यिक उत्सव होगा जिसकी रूप-रेखा निम्न प्रकार से रहेगी 1) सुबह 10-30 बजे से दोपहर 1-30 बजे तक ओपन माइक रीडिंग होगी जिसमें कविता पाठ और पुस्तक समीक्षा और चर्चा शामिल होगी। 2) अन्तरविद्यालयीय प्रतियोगिता के लिए दोपहर का सत्र 2-00 बजे से 4-00 बजे तक होगा। तीन दिनों के दौरान युवा पाठकों द्वारा 8 पुस्तकों की समीक्षा की जाएगी। युवा पाठक, लेखक और मॉडरेटर के साथ बैठकर चर्चा करेंगे तथा चर्चा हेतु चयनित पुस्तकों के बारे में अपने विचार सांझा करेंगे। पुस्तक चर्चा के लिए मुख्य शीर्षक हैं - रूपा पाई द्वारा बच्चों के लिए ‘‘द योगा सूत्र’’, श्रीनिवास जोशी द्वारा ‘‘बेगमू की सू’’, सुदर्शन वशिष्ठ द्वारा ‘‘हिमाचल की लोक कथाएँ’’, सुमित राज द्वारा ‘‘शिमला बाज़ार’’, डॉ. जयवन्ती डिमरी द्वारा ‘‘मेमोरेबल मेमोरीज ऑफ भूटान’’, रणजोध सिंह द्वारा ‘‘आईना’’, आदित्य कांत द्वारा ‘‘हाई ऑन कसोल’’ और ‘‘लॉस्ट इन एप्पल कंट्री’’, ‘‘द फैटल अराइवल’’ और ‘‘द डेडली किटी’’ मीनाक्षी चौधरी और उनके अनुभवी परामर्शदाता गौरी, अथर्व और सिरिशा द्वारा लिखे गए उपन्यास हैं। प्रसिद्ध कलाकार उदय शंकर और प्रोफेसर हिम चैटर्जी द्वारा बच्चों के लिए एक विशेष कला कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है। भाग लेने के लिए अंतिम तिथि 18 मार्च है और अधिक जानकारी और भागीदारी फार्म के लिए कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट से सम्पर्क करें।
शिमला , 15 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की संस्कृति व साहित्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए सदैव प्रयासरत है। इस उद्देश्य से विभाग समय-समय पर अनेकों साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है।
इसी कड़ी में विभाग द्वारा ‘कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट’ शिमला के संयुक्त तत्वाधान में 22 से 24 मार्च तक ‘मीमांसा’ द्वितीय-बाल साहित्य उत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है। यह ‘मीमांसा’ उत्सव की कड़ी में दूसरा साहित्य उत्सव है, जो पिछले साल मार्च 2023 में भी आयोजित करवाया गया था। उसकी सफलता और बच्चों की भागीदारी को देखते हुए विभाग ने इस साल भी यह उत्सव करवाने का फैसला किया है।
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बाल जगत की विख्यात लेखिका रूपा पाई इस उत्सव की मुख्यातिथि रहेंगी जो इस महोत्सव का उद्घाटन भी करेंगी और कार्टूनिस्ट उदय शंकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इस त्रि-दिवसीय बाल साहित्य उत्सव में पुस्तक समीक्षा, शब्दावली कौशल, नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में स्कूलों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के 25 वर्ष से कम आयु वाले छात्र-छात्राएँ भाग ले सकते हैं।
इस साहित्यिक उत्सव का मकसद बच्चों को खुला मंच प्रदान करना है, उन्हें बोलते हुए सुनना, संवादात्मक सत्रों में शामिल होना और साथ ही उन्हें पढ़ने को बढ़ावा देना है। ‘मीमांसा’ बच्चों के लेखन को स्वर देने का एक प्रयास है, चाहे वह किताबों के रूप में हो, या कविता के रूप में सभी उनके द्वारा लिखे गए हों। यह हिमाचल के लोगों और आम जनता के लिए तीन दिवसीय साहित्यिक उत्सव होगा जिसकी रूप-रेखा निम्न प्रकार से रहेगी 1) सुबह 10-30 बजे से दोपहर 1-30 बजे तक ओपन माइक रीडिंग होगी जिसमें कविता पाठ और पुस्तक समीक्षा और चर्चा शामिल होगी।
2) अन्तरविद्यालयीय प्रतियोगिता के लिए दोपहर का सत्र 2-00 बजे से 4-00 बजे तक होगा।
तीन दिनों के दौरान युवा पाठकों द्वारा 8 पुस्तकों की समीक्षा की जाएगी। युवा पाठक, लेखक और मॉडरेटर के साथ बैठकर चर्चा करेंगे तथा चर्चा हेतु चयनित पुस्तकों के बारे में अपने विचार सांझा करेंगे।
पुस्तक चर्चा के लिए मुख्य शीर्षक हैं - रूपा पाई द्वारा बच्चों के लिए ‘‘द योगा सूत्र’’, श्रीनिवास जोशी द्वारा ‘‘बेगमू की सू’’, सुदर्शन वशिष्ठ द्वारा ‘‘हिमाचल की लोक कथाएँ’’, सुमित राज द्वारा ‘‘शिमला बाज़ार’’, डॉ. जयवन्ती डिमरी द्वारा ‘‘मेमोरेबल मेमोरीज ऑफ भूटान’’, रणजोध सिंह द्वारा ‘‘आईना’’, आदित्य कांत द्वारा ‘‘हाई ऑन कसोल’’ और ‘‘लॉस्ट इन एप्पल कंट्री’’, ‘‘द फैटल अराइवल’’ और ‘‘द डेडली किटी’’ मीनाक्षी चौधरी और उनके अनुभवी परामर्शदाता गौरी, अथर्व और सिरिशा द्वारा लिखे गए उपन्यास हैं।
प्रसिद्ध कलाकार उदय शंकर और प्रोफेसर हिम चैटर्जी द्वारा बच्चों के लिए एक विशेष कला कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है। भाग लेने के लिए अंतिम तिथि 18 मार्च है और अधिक जानकारी और भागीदारी फार्म के लिए कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट से सम्पर्क करें।
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