- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को गंभीर व चिंतनीय मुद्दा मानती है और मांग करती है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी उच्च न्यायालय की देखरेख मे आसीन जज के द्वारा निष्पक्ष जांच करवाई जाए। यह इसलिए भी आवश्यक है कि यह पुलिस विभाग जिसका जिम्मा कानून व्यवस्था बनाए रखने का है उससे जुड़ा हुआ मुद्दा है और पुलिस विभाग स्वयं मुख्यमंत्री जोकि गृह मंत्रालय भी देखते हैं। अतः पुलिस विभाग व गृह मंत्रालय से जुड़े होने के नाते पुलिस विभाग की जांच पर सवालिया निशान लगने की संभावना अधिक रहेगी। यदि पुलिस भर्ती पेपर लीक का घटनाक्रम देखा जाए तो पेपर लीक का मामला पेपर होने से पहले ही उजागर हो गया था और पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई थी परन्तु पुलिस विभाग द्वारा इसको हल्के से लेने के कारण यह पेपर लीक का मामला घटित हुआ है। यदि समय रहते सरकार का पुलिस व खुफिया विभाग इस पर कार्यवाही करती तो इस पर रोक लगाई जा सकती थी। पेपर की तिथि से 20 दिन पूर्व ही यह मामला ध्यान में आ गया था और सोलन में 6 मार्च, 2022 को 6 लोगों को पूछताछ के लिए भी बुलाया था। परन्तु इसके पश्चात कोई ठोस कार्यवाही नही की गई। 27 मार्च,2022 की करीब 74000 परीक्षार्थियों ने इस भर्ती परीक्षा में भाग लिया। इसके बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को अवगत करवाया गया था परन्तु सरकार द्वारा इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई और इसके बावजूद भर्ती की प्रक्रिया को चलाया गया। परन्तु कांगड़ा में पुलिस अधिकारी के सक्रियता के चलते इस भर्ती में गड़बड़ी को उजागर किया गया है और अब मीडिया में इस मामले को उजागर होने के बाद सरकार ने इस भर्ती को रद्द कर दिया है। यदि सरकार समय रहते इस पर कार्यवाही करती तो इस गड़बड़ी को रोका जा सकता था और हजारों परीक्षार्थियों को उत्पीड़न से बचाया जा सकता था। धीरे धीरे जैसे इस पुलिस भर्ती पेपर लीक की परतें खुल रही है उसमें सरकार व पुलिस विभाग की लचर कार्यवाही उजागर हुई है। बीजेपी की सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में जो भी भर्ती प्रक्रिया की गई है चाहे वह जेबीटी, पटवारी, जेओए, पुलिस या अन्य भर्ती हो उन सब पर सवालिया निशान लगा है। यह सरकार की कुव्यवस्था को उजागर करती है। आज प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार है और सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है और केवल बीजेपी अपने चेहतों की ही भर्ती की जा रही है। प्रदेश में आज लाखों युवा रोजगार के इंतजार में है परन्तु सरकार भर्ती की प्रक्रिया को सुचारू रूप से नही कर पा रही है। जो भर्ती प्रक्रिया की भी जा रही वह भी सवालों के घेरे में है। सरकार की इस लचर कार्यप्रणाली से आज प्रदेश के लाखों युवाओं में हताशा पैदा हो रही है। आज सरकार की इन नीतियों के कारण प्रदेश में व्यापक बेरोजगारी पैदा हो गई है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -