- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के द्वारा आज महंगाई के विरुद्ध देशव्यापी प्रदर्शन को लेकर शिमला में प्रदर्शन किया गया। इसमे उपायुक्त कार्यालय से लेकर शेरे पंजाब(नाज) तक रैली निकाली गई। इस प्रदर्शन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया तथा केंद्र की मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार के विरुद्ध ज़ोरदार नारेबाजी की गई। इस प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा लागू की जा रही महंगाई को बढ़ाने वाली नीतियों को बदलने की मांग की गई। पार्टी सरकार से मांग करती है कि पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी, सेस व सरचार्ज तुरन्त घटाए, रसोई गैस में सब्सिडी प्रदान करे, सरकार गैर आयकरदाताओं के खाते में 7500 रुपये प्रति माह डाले तथा 35 किलो राशन प्रति माह मुफ्त दे। खाद की कीमतों में की गई वृद्धि वापिस ले तथा सरकार इस पर सब्सिडी प्रदान करे। इस प्रदर्शन में संजय चौहान, जगत राम, विजेन्द्र मेहरा, फालमा चौहान, जगमोहन ठाकुर, बालक राम, विनोद बिसरांटा, रमाकांत मिश्रा, हिम्मी देवी, किशोरी डटवालिया, अनिल, रमन, अमित ठाकुर, नीतीश, सोनिया, मीना, कलावती, श्याम लाल, महेश वर्मा, विजय कौशल व अन्य साथियों ने भाग लिया। 2014 से जबसे बीजेपी के नेतृत्व में एन डी ए की सरकार बनी है तबसे सरकार की नीतियों के चलते देश में व्यापक महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट बड़ा है। देश में महंगाई व बेरोजगारी चरम पर है तथा गत 40 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंची है। सरकार निरन्तर रसोई गैस व पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का कार्य कर रही है। आज घरेलू गैस का सिलिंडर 1052 रुपये का व व्यवसायिक गैस का सिलिंडर 2302 रुपये का मिल रहा है। पेट्रोल व डीज़ल के दामों में निरंतर बढ़ौतरी की जा रही है और आज पेट्रोल 102 रुपये प्रति लीटर से अधिक दर से बेचा जा रहा है। मोदी सरकार ने 2014 से लेकर 2021 तक 13 बार पेट्रोल व डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई व 4 बार इसे घटाया गया है। 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये थी जिसे 2022 में बढ़ाकर 32.90 रुपये कर दिया तथा डीज़ल पर 2014 मे एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपये थी जिसे 2022 में बढ़ाकर 31.80 रुपये कर दिया गया है। मोदी सरकार ने गत 7 वर्षों में क़रीब 26 लाख करोड़ रुपए इससे इकट्ठे किए परन्तु इन पैसों से जनता को बढ़ती महंगाई से कोई भी राहत नही दी गई है। दूसरी ओर मोदी सरकार ने इस दौरान लाखों करोड़ रुपए की छूट कॉरपोरेट घरानों को दी गई जिससे इनकी संपत्ति में कई गुना वृद्धि हुई है। सरकार की इन नीतियों से अमीर और अमीर और गरीब और गरीब हो रहा है। एक ओर देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है और दूसरी ओर जनता बेरोजगारी व महंगाई से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट के कारण रोजी रोटी से वंचित हो रही है। सरकार के द्वारा कृषि क्षेत्र को कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने की नीतियों के चलते खाद्य वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि हो रही है। आज सरसों का तेल 230 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। इसके साथ ही आटा, दाल, चावल, सब्जियों व अन्य खाद्य वस्तुओं के दामो में लगातार वृद्धि के कारण जनता को रोज़ी रोटी का संकट बढ़ रहा है। सरकार द्वारा रोजगार समाप्त करने वाली नीतियों को लागू करने के कारण आज करोड़ों लोगों के रोजगार छिन गए हैं। एक ओर महंगाई व दूसरी ओर रोजगार चले जाने से आज करोड़ों लोगों को दो जून की रोटी अर्जित करना मुश्किल हो गया है। इन हालात के लिये देश में बीजेपी की मोदी सरकार द्वारा की जा रही नीतियां ही जिम्मेवार है तथा इन नीतियों को पलट कर ही इस संकट से निजात पाई जा सकती है। सीपीएम मोदी सरकार की महंगाई, बेरोजगारी व कृषि संकट पैदा करने वाली इस जनविरोधी कॉरपोरेटपरस्त नवउदारवादी नीतियों को बदलने व जनहित की वैकल्पिक नीतियों के लिए जनता को लामबंद कर संघर्ष को तेज करेगी तथा तब तक जारी रखेगी जब तक इन नीतियों को न बदला जाए।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -