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शिमला !भारतीय किसान संघ हिमाचल प्रदेष के त्रिवार्षीय प्रदेश अधिवेशन तथा किसान-उद्यमी-वैज्ञानिक परिसंवाद की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारतीय किसान संघ सार्थक विषयों और प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश मेें किसानों की असमंजस की स्थिति है। उन्होंने कहा कि आज हम कृषि क्षेत्र में भी पश्चिती पद्धति को अपनाने के लिए उत्सुक रहते हैं और अपनी पारम्परिक पद्धति को भूल रहे हैं। श्री आर्लेकर ने कहा कि मैकाले की पद्धति का आज हर क्षेत्र में प्रादुर्भाव हुआ है। इस लिए हर क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस असमंजस से बाहर आने की जरूरत है। जो सोच इस ज़मीन से जुड़ी है उसे आगे लेकर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज की लागत कम करने की आवश्यकता है और जमीन की उरर्वा शक्ति भी कम हो रही है। इस के लिए गौ आधारित कृषि को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज किसानांे को अनेक समस्याएं हो सकती हैं जिनका हल सरकारें निकाल रही हैं लेकिन हमें किसानों को कम नहीं करना है। किसान तब भी उतना ही महत्वपूर्ण था और आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ से गौ आधारित कृषि के लिए सामुहिक प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर, अखिल भारतीय किसान संघ के संगठन महामंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि पिछले 42 सालों से संघ किसानों के बीच प्रेरणा व विश्वास दिलाने का काम कर रहा है। वह उन्हें सम्मान देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र आज पूंजी की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित मुद्दोे में पारदर्शिता होनी चाहिए। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में ही किसानों का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बाजार व्यवस्था जितनी विकेंद्रीकृत होगी किसानों को उतना ही फायदा होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन के साथ किसानों को पोषण की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रोें में कृषि की समस्याओं को अलग से उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष डॉ. सोमदेव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि किसानों के आत्मविश्वास में जो कमी आ रही है उसे बनाये रखने की जरूरत है, जिसके लिए उसे सक्षम बनाना होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादक से वह उद्यमी बनें और विपणन अपने हाथ में लें। इसलिए उसे जागरूक और जागृत करने की जरूरत है जो भारतीय किसान संघ कर रहा है। बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परमिंदर कौशल तथा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस.सी चौधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पूर्व राज्यपाल ने उत्कृष्ट किसानों को पुरस्कृत भी किया।
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