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शिमला , 17 नवंबर [ विशाल सूद ] ! वहीं भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा शिखर सम्मलेन में आईं कैरोलिन रोवेट ब्रिटिश,उप उच्चायुक्त सरकार यूनाइटेड किंगडम ने कहा की भारत प्रधानमंत्री और यूरोपियन देशों के प्रधानमंत्री के साथ हुए हस्ताक्षर के चलते 2030 तक हुए करार के चलते 36000 मिलियन पाउंड्स है परंतु हिंदुस्तान की योग्यता को देखते हुए हम इसे 2030 तक दो गुना ज्यादा करना चाहते हैं । 2020 में भारत के प्रधानमंत्री एवम यूरोप के दो प्रधानमंत्री के बीच में आर्थिक। उन्नति को देखते हुए दोनो देशों के बीच में हस्ताक्षर हुए थे दोनों देशों की योग्यताओं को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में जैसे ई मोबोलिटी, पर्यावरण संरक्षण , तकनीकी , सुरक्षा और जीवन शैली जो कि दो देशों में विशेष शैली है वहीं दोनों ही देश इसमें अच्छा सुधार चाहते हैं । वहीं हिमाचल के संदर्भ में पहले से ही शिमला के लिए ई गतिशीलता को लेकर प्रोजेक्ट चल रहा है जिस तरह से अब शिमला एक भीड़ भाड़ वाला शहर बन कर रह गया है और कुछ ही समय में यहां पर तेजी से विस्तारीकरण हो रहा है जिस लेकर भी कार्य किया जा रहा है की यहां पर किस तरह से भीड़भाड़ से कैसे निजात दिलाया जा सकती है । इसी के लिए यूके एस्पायर कार्यक्रम के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है । स्कॉटलैंड में भी ठीक इसी तह की दिक्कतें है इस लिए वहां के विशेषज्ञों से राय लेकर कार्य किया जा रहा है । वहीं हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्ट से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां की सुंदरता काफी आकर्षित करती है इस पर भी कार्य किया जा रहा है इन्होंने कहा की हमे सभी चीजों का तालमेल बिठाना पड़ेगा ताकि सभी चीजों की मदद से हिमाचल को आर्थिक दृष्टि से बढ़ाने में बल मिल सके ।
शिमला , 17 नवंबर [ विशाल सूद ] ! वहीं भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा शिखर सम्मलेन में आईं कैरोलिन रोवेट ब्रिटिश,उप उच्चायुक्त सरकार यूनाइटेड किंगडम ने कहा की भारत प्रधानमंत्री और यूरोपियन देशों के प्रधानमंत्री के साथ हुए हस्ताक्षर के चलते 2030 तक हुए करार के चलते 36000 मिलियन पाउंड्स है परंतु हिंदुस्तान की योग्यता को देखते हुए हम इसे 2030 तक दो गुना ज्यादा करना चाहते हैं । 2020 में भारत के प्रधानमंत्री एवम यूरोप के दो प्रधानमंत्री के बीच में आर्थिक। उन्नति को देखते हुए दोनो देशों के बीच में हस्ताक्षर हुए थे दोनों देशों की योग्यताओं को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में जैसे ई मोबोलिटी, पर्यावरण संरक्षण , तकनीकी , सुरक्षा और जीवन शैली जो कि दो देशों में विशेष शैली है वहीं दोनों ही देश इसमें अच्छा सुधार चाहते हैं ।
वहीं हिमाचल के संदर्भ में पहले से ही शिमला के लिए ई गतिशीलता को लेकर प्रोजेक्ट चल रहा है जिस तरह से अब शिमला एक भीड़ भाड़ वाला शहर बन कर रह गया है और कुछ ही समय में यहां पर तेजी से विस्तारीकरण हो रहा है जिस लेकर भी कार्य किया जा रहा है की यहां पर किस तरह से भीड़भाड़ से कैसे निजात दिलाया जा सकती है ।
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इसी के लिए यूके एस्पायर कार्यक्रम के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है । स्कॉटलैंड में भी ठीक इसी तह की दिक्कतें है इस लिए वहां के विशेषज्ञों से राय लेकर कार्य किया जा रहा है । वहीं हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्ट से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां की सुंदरता काफी आकर्षित करती है इस पर भी कार्य किया जा रहा है इन्होंने कहा की हमे सभी चीजों का तालमेल बिठाना पड़ेगा ताकि सभी चीजों की मदद से हिमाचल को आर्थिक दृष्टि से बढ़ाने में बल मिल सके ।
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