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शिमला , 21 फरवरी ! भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने केंद्रीय कपड़ा वाणिज्य और उद्योग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा। पत्र में अविनाश राय खन्ना ने पीयूष गोयल को अवगत करवाया कि भोरंज विधानसभा क्षेत्र जिला हमीरपुर के जंगल में फेंके सरकारी चावल से भरे 24 बोरी जिनपर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की फोटो लगी थी उसका मामला सामने आया है। पत्र में अविनाश राय खन्ना ने मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया है कि इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार कर कार्रवाई की जाए। अविनाश राय खन्ना ने कहां की खबर के माध्यम से मेरे सामने यह विषय सामने आया जिसमें विधानसभा भोरंज जिला हमीरपुर के पपलाह जंगल में सरकारी चावल से भरे 24 बोरे मिले, सस्ते राशन के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के फोटो वाले थैले भी मिले इस मामले में गड़बड़ झाले की आशंका के बीच इस तरह जंगल में सरकारी राशन को खुले में फेंकने से खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य निगरानी आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली कटघरे में आती है। किस राशन डिपो में कितना स्टॉक जारी हुआ और कितनी खपत हुई इसकी हर माह जांच का जिम्मा निगम और विभाग दोनों पर है ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर भोरंज के जंगल में यह राशन कौन फेंक कर चला गया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 21 फरवरी ! भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने केंद्रीय कपड़ा वाणिज्य और उद्योग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा।
पत्र में अविनाश राय खन्ना ने पीयूष गोयल को अवगत करवाया कि भोरंज विधानसभा क्षेत्र जिला हमीरपुर के जंगल में फेंके सरकारी चावल से भरे 24 बोरी जिनपर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की फोटो लगी थी उसका मामला सामने आया है।
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पत्र में अविनाश राय खन्ना ने मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया है कि इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार कर कार्रवाई की जाए।
अविनाश राय खन्ना ने कहां की खबर के माध्यम से मेरे सामने यह विषय सामने आया जिसमें विधानसभा भोरंज जिला हमीरपुर के पपलाह जंगल में सरकारी चावल से भरे 24 बोरे मिले, सस्ते राशन के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के फोटो वाले थैले भी मिले इस मामले में गड़बड़ झाले की आशंका के बीच इस तरह जंगल में सरकारी राशन को खुले में फेंकने से खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य निगरानी आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली कटघरे में आती है।
किस राशन डिपो में कितना स्टॉक जारी हुआ और कितनी खपत हुई इसकी हर माह जांच का जिम्मा निगम और विभाग दोनों पर है ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर भोरंज के जंगल में यह राशन कौन फेंक कर चला गया।
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