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शिमला , 01 मार्च [ विशाल सूद ] ! शुक्रवार देर शाम उस समय शिमला में राजनीतिक हलचल बढ़ गई जब एकाएक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट मीटिंग को स्थगित करके अपने सभी मंत्रियो के साथ विधानसभा पहुंच गए। उनके इस अचानक मूव ने राजनीतिक गलियारों में एकाएक गहमागहमी बढ़ा दी और लोग कयास लगाने लगे कि क्या सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में सब कुछ ठीक नही है?? लेकिन मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया का बयान सामने आया कि ये महज एक शिष्टाचार भेंट थी। शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुलाकात के बाद कुलदीप सिंह पठानिया ने उन तमाम कयासों पर विराम लगा फ़िया जिसमे कहा जा रहा था कि निष्कासित किये गए एमएलए में से 3 एमएलए वापसी करना चाहते हैं। कुलदीप सिंह पठानिया ने मीडिया से औपचारिक बातचीत में कहा कि अब तो वे खुद भी चाहें तो अपना फैसला वापिस नही ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की सदस्यता रद्द की गई हैं वे आगे कानून का सहारा ले सकते हैं लेकिन बतौर विधानसभा अध्यक्ष क्लियर गया उनका ये फैसला कानूनी दायरे में नही आता है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों की सदन के अंदर की हाजिरी ही उनके खिलाफ सुबूत दे रही है। जब फाइनेंसियल बिल और बजट पारित होना था, दोनों दिन उनकी हाजिरी थी, लेकिन बिल और बजट पारित करते वक्त वे सभी सदन में अनुपस्थित थे। पार्टी मीटिंग में भी इनकी हाजिरी लगी है जिस से साफ जाहिर है कि पार्टी की तरफ से व्हिप जारी होने के बावजूद ये लोग जान बूझकर सदन से बजट पारित करते समय अनुपस्थित रहे। अब चाहकर भी उनकी सदस्यता रद्द होने के मामले में दोबारा सुनवाई या रिव्यु नही हो सकता।
शिमला , 01 मार्च [ विशाल सूद ] ! शुक्रवार देर शाम उस समय शिमला में राजनीतिक हलचल बढ़ गई जब एकाएक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट मीटिंग को स्थगित करके अपने सभी मंत्रियो के साथ विधानसभा पहुंच गए। उनके इस अचानक मूव ने राजनीतिक गलियारों में एकाएक गहमागहमी बढ़ा दी और लोग कयास लगाने लगे कि क्या सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में सब कुछ ठीक नही है??
लेकिन मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया का बयान सामने आया कि ये महज एक शिष्टाचार भेंट थी।
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शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुलाकात के बाद कुलदीप सिंह पठानिया ने उन तमाम कयासों पर विराम लगा फ़िया जिसमे कहा जा रहा था कि निष्कासित किये गए एमएलए में से 3 एमएलए वापसी करना चाहते हैं। कुलदीप सिंह पठानिया ने मीडिया से औपचारिक बातचीत में कहा कि अब तो वे खुद भी चाहें तो अपना फैसला वापिस नही ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की सदस्यता रद्द की गई हैं वे आगे कानून का सहारा ले सकते हैं लेकिन बतौर विधानसभा अध्यक्ष क्लियर गया उनका ये फैसला कानूनी दायरे में नही आता है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों की सदन के अंदर की हाजिरी ही उनके खिलाफ सुबूत दे रही है। जब फाइनेंसियल बिल और बजट पारित होना था, दोनों दिन उनकी हाजिरी थी, लेकिन बिल और बजट पारित करते वक्त वे सभी सदन में अनुपस्थित थे।
पार्टी मीटिंग में भी इनकी हाजिरी लगी है जिस से साफ जाहिर है कि पार्टी की तरफ से व्हिप जारी होने के बावजूद ये लोग जान बूझकर सदन से बजट पारित करते समय अनुपस्थित रहे। अब चाहकर भी उनकी सदस्यता रद्द होने के मामले में दोबारा सुनवाई या रिव्यु नही हो सकता।
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