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शिमला , 10 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में फरवरी माह से चला आ रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. छ बागी विधायकों के साथ तीन निर्दलीयों होशियार सिंह, के.एल ठाकुर और आशीष शर्मा ने भाजपा का दामन तो थाम लिया है. जिसमें 6 का रास्ता साफ हो गया और उनको भाजपा ने विधानसभा की टिकट भी दे दी है.लेकिन तीन निर्दलीयों का मामला अभी भी लटका हुआ है. तीनों निर्दलीयों ने भाजपा का दामन थामने के बाद 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होकर अपना इस्तीफा दे दिया था. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने आज तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.हिमाचल के निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो अदालत से मामला वापिस ले लेंगे। ढाई बजे तीनो निर्लदलियो ने एक एक कर अपना पक्ष विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लिखित में रखा। निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपना विस्तृत लिखित जवाब विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा दिया है। उन्होंने कहा हम पहले से इस बात को कह रहे हैं कि हमने अपना बिना किसी दबाव और प्रलोभन के स्वेच्छा से सौंपा है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री के द्वारा की प्रताड़ना और विधानसभा क्षेत्र में काम न होने की वजह से इस्तीफा दिया है।
शिमला , 10 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में फरवरी माह से चला आ रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. छ बागी विधायकों के साथ तीन निर्दलीयों होशियार सिंह, के.एल ठाकुर और आशीष शर्मा ने भाजपा का दामन तो थाम लिया है. जिसमें 6 का रास्ता साफ हो गया और उनको भाजपा ने विधानसभा की टिकट भी दे दी है.लेकिन तीन निर्दलीयों का मामला अभी भी लटका हुआ है.
तीनों निर्दलीयों ने भाजपा का दामन थामने के बाद 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होकर अपना इस्तीफा दे दिया था. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने आज तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.हिमाचल के निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो अदालत से मामला वापिस ले लेंगे। ढाई बजे तीनो निर्लदलियो ने एक एक कर अपना पक्ष विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लिखित में रखा।
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निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपना विस्तृत लिखित जवाब विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा दिया है। उन्होंने कहा हम पहले से इस बात को कह रहे हैं कि हमने अपना बिना किसी दबाव और प्रलोभन के स्वेच्छा से सौंपा है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री के द्वारा की प्रताड़ना और विधानसभा क्षेत्र में काम न होने की वजह से इस्तीफा दिया है।
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