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शिमला ! चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी के विकास के साथ उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सीएमई (कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन) गतिविधियां अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आयुर्वेद मंत्री डॉ राजीव सैजल ने होटल मरीना में इंदिरा आईवीएफ फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर द्वारा आयोजित द साइलेंस ऑन इनफर्टिलिटी विषय पर आयोजित सीएमई कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भी इन गतिविधियों का चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ाने का प्रयास किया जाए ताकि विषय विशेषज्ञों के नवीन विचारों को अपनाकर चिकित्सा विज्ञान में विकास हो सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में निजी संस्थानों द्वारा भी विभिन्न क्षेत्रों में विकास की प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक क्षेत्र में नित्य नवीनतम सूचनाओं के कारण सामयिक होने की चुनौतियों के अंतर्गत इस प्रकार के कार्यक्रम से नवीन जानकारी प्राप्त होती हैं। इस अवसर पर सेंटर हेड, इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल चंडीगढ़ डॉ निताशा गुप्ता ने स्टीमुलेशन प्रोटोकॉल विषय पर तथा सेंटर हेड, इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल चंडीगढ़ डॉ अंकना शर्मा ने बेसलाइन इवेल्यूएशन ऑफ मेल एंड फीमेल इनफर्टालिटी विषय पर प्रेजेंटेशन दी। साथ ही डॉ अंकना शर्मा तथा डॉ निताशा गुप्ता द्वारा विषय पर आधारित विभिन्न मामलो की भी चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ कुमुद बाला गुप्ता कॉसल्टेंट गाइनेकोलॉजिस्ट तेंजिन अस्पताल शिमला, असिस्टेंट प्रोफेसर केएनएच शिमला डॉ संदीप राठौर, डॉ योगिता डोगरा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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