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शिमला ! भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मण्डल (एसोचैम) द्वारा ऊर्जा विभाग के सहयोग तथा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश के लिए लघु और दीर्घावधि (2030 तक) के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके अन्तर्गत पहली हितधारक कार्यशाला का आयोजन आज ऊर्जा विभाग, शिमला में किया गया। निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा ने कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए कहा कि कार्य योजना में उन क्षेत्रों का पता लगाया जाना चाहिए, जिनमें सभी हितधारक विभाग काम कर रहे हैं और ऊर्जा दक्षता को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं। इस कार्यशाला में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति, 2021 के सफल कार्यान्वयन, हिमाचल प्रदेश विद्युत वाहन नीति, पीएटी योजना के सफल कार्यान्वयन, ईसीबीसी के कार्यान्वयन, सरकारी भवनों के एनर्जी ऑडिट, हाइड्रोजन ईंधन उपयोग जैसे विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में इस बात पर भी विशेष बल दिया गया कि ऊर्जा दक्षता के लिए राज्य में नीतियों और उनके प्रभाव को सूचीबद्ध कर कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए। इनके प्रभाव का भी विश्लेषण कर राज्य के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे तथा ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी। भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से कार्यशाला में भाग लिया। परियोजना समन्वयक आशीष कुदल और विपुल शारदानन्दन ने एसोचैम की ओर से सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रदेश के लिए राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए निरंतर सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। ऊर्जा विभाग के मुख्य अभियंता खेम सिंह ठाकुर, अधीक्षण अभियंता मनोज चौधरी, एसोचैम के जोनल लीडर बलकार सिंह ने हितधारक विभागों को कार्य योजना में सहयोग प्रदान करने और सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यशाला में विभिन्न हितधारक विभागों के 30 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। एसोचैम ने कार्य योजना में शामिल किए जाने वाले हितधारकों के इनपुट और सुझावों के लिए स्थापना रिपोर्ट और सर्वे प्रस्तुत किया।
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