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शिमला ! राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरूवार को शिमला के ऐतिहासिक मालरोड पर हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह हमारा कत्र्तव्य बनता है कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को हम याद करें। वह देश की बाहरी सुरक्षा के बारे में जानते हैं और भारतीय सेना देश की सीमाओं की रक्षा कर रही है परन्तु देश की आन्तरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे बहादुर पुलिस बलों पर निर्भर करती है और हमारे पुलिस कर्मी इस जिम्मेदारी को निभाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि जब हम त्यौहारों और अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होते हैं तो पुलिस बल हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है और अपनी सुविधा की परवाह किए बिना हमें सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस न केवल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे शहीदों को याद करने का दिवस है बल्कि यह सभी पुलिसकर्मियों को प्रेरणा और उदाहरण प्रस्तुत करने का भी दिन है। देश को बांटने वाले तत्त्वों के बावजूद देश की आन्तरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य और केन्द्रीय पुलिस बल महत्तपूर्ण योगदान दे रहे हैं जिसके लिए कृतज्ञ राष्ट्र प्रत्येक वर्ष उनके योगदान को याद करता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने पुलिस गौरव गीत को भी जारी किया। इससे पूर्व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने सभी 377 पुलिसकर्मियों के नाम पड़कर सुनाए जो पिछले एक वर्ष के दौरान अपने सेवाकाल के दौरान शहीद हुए। उन्होंने कहा कि 1959 से गत 62 वर्षों से आज तक विभिन्न पुलिस बलों के लगभग 36,000 अधिकारियों और कर्मचारियों ने देश और समाज की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, पूर्व अधिकारी एवं अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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