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शिमला ! हिमाचल प्रदेश वेटरनरी ऑफिसर्स एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष डॉ नीरज मोहन और महासचिव डॉ मधुर गुप्ता ने हिमाचल सरकार से नए वेतनमान में मूल वेतन जमा एनपीए तय सीमा जो की 2,18000 को पंजाब में दिए गए वेतन मान के बराबर करने की मांग की है। पंजाब में ये सीमा दो लाख सेंतीस हजार तय की गयी है नए वेतन मान में तय की गयी सीमा से हिमाचल के पशु चिकित्सकों के आर्थिक हितों का नुक्सान हुआ है उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश सरकार वेतन एवं भत्तों पर पंजाब सरकार का अनुसरण करती है पर इस बार वेतन आयोग ने इसे कम कर दिया है पशु चिकित्सकों में एनपीए को 20 फीसदी करने और ए सी पी स को रोकने पर भी व्यापक रोष है संघ के महासचिव डॉ मधुर गुप्ता ने कहा है कि पशु चिकित्सकों ने पशुधन पालकों और किसानो के कल्याण के लिए अथक और निस्वार्थ भाव से काम किया है और कोविड महामारी के दौरान किसान की आय बढाने में बहुत योगदान दिया है इसलिए पशु चिकित्सक सरकार से विस्तारित लाभ की उम्मीद कर रहे थे। डॉ गुप्ता ने कहा की राज्य पशु पालन विभाग के पशु चिकित्सकों के पास प्रमोशन चैनल की ज्यादा गुंजाइश नही होती है और वे मुख्य रूप से ऐ सी पी स, एनपीए और अन्य मुयावाजों पर निर्भर थे लेकिन इस वेतन आयोग ने उनके नुक्सान की भरपाई के सभी लाभों को छीन लिया है। हिमाचल प्रदेश वेटरनरी ऑफिसर्स एसोसिएशन सरकार से कैडर के कल्याण हेतु और पेशे के हितों की रक्षा के लिए पशु चिकित्सकों के अधिकतम मूल वेतन में वृद्धि, एन पी ऐ को पचीस प्रतिशत करने और ऐ सी पी स को बहाल करने पर पुनर्विचार करने का आग्रह करती है।
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