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शिमला ! कांग्रेस ने पूर्व नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक विनोद राय द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को लेकर किए एक दावे पर पूर्व सांसद संजय निरुपम से माफी मांगे जाने के बाद कहा कि राय के इस माफीनामे से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को बदनाम करने के लिए चलाए गए सारे झूठ बेनकाब हो गए हैं। राय ने अपनी किताब में निरुपम के नाम का उल्लेख उन सांसदों के साथ किया था, जिन्होंने कैग की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम नहीं लेने के लिए उन पर कथित तौर पर दबाव डाला था। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 2010 से 2014 के बीच कांग्रेस की सरकार के खिलाफ षड्यंत्र हुआ। कैग के हेड विनोद रॉय के द्वारा रचा गया इसका मूलमंत्र कैग की रिपोर्ट होती थी। विनोद राय ने अब संजय निरुपम से कोर्ट में हलफनामा के द्वारा माफी मांगी है।उन्होंने कहा कि आरएसएस व बीजेपी की संस्थाओं के इशारे पर यह सब हुआ इस झुठ के कारण बहुत से लोगों को लाभ हुआ और सरकार बदनाम हुई। मामले को बाबा रामदेव, अन्ना हजारे, केजरीवाल व बीजेपी ने पुरजोर तरीके से उठाया। उन्हें अब इस पर देश से माफी मांगनी चाहिए। सुप्रिया ने कहा कि सरकार अब संस्थाओ का दमन करने में लगी हुई है। जिस संस्था ने एक समय में सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचा वन्ही अब सरकार के खिलाफ आवाज नही उठा पा रही हैं। वन्ही उन्होंने कहा कि महंगाई की मार जनता झेल रही हैं। जनता ने जब इसका जवाब उपचुनाव में सरकार को दिया तो सरकार की नींद टूटी है। महंगाई आज बहुत बड़ा मुद्दा है। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले का दमन कर दिया जाता है जनता के पास वोट का अधिकार है जिसका प्रयोग दमनकारी सरकार के खिलाफ कर रही है। उन्होंने कहा कि नोटबन्दी की आज 5 वी वर्षगाँठ है। नोटबन्दी के बाद देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। बेरोजगारी की दर 45 वर्षों में सर्वाधिक हो गई। यह तुगलकी फरमान था जिससे देश को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो इसके फायदे बताए थे उनमें से एक भी पूरा नही हुआ।
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