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शिमला , 02 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! शिमला नागरिक सभा ने पिछले एक वर्ष में शिमला शहर में बढ़ी ट्रैफिक जाम की स्थिति के खिलाफ जनता को लामबंद करके आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। नागरिक सभा का मानना है कि शिमला शहर ट्रैफिक जाम का केंद्र बन चुका है व इस से जनता पिछले एक वर्ष से भारी परेशानी में है। वन मिनट ट्रैफिक प्लान ने जनता का जीना दूभर कर दिया है। इस से शहर में कई घण्टों का जाम लग रहा है व पूरा दिन सुबह शाम दोपहर ट्रैफिक जाम आम बात हो गयी है। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर आगामी तीन दिनों के भीतर शिमला शहर में ट्रैफिक जाम खत्म न हुआ तो नागरिक सभा आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी तथा डीसी व एसपी कार्यालय की घेराबंदी व चक्का जाम करने से भी नहीं हिचकेगी। नागरिक सभा संयोजक संजय चौहान व सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने वन मिनट ट्रैफिक प्लान को पूरी तरह से नकार दिया है। इस प्लान के आने के बाद शिमला शहर जाम का केंद्र बन चुका है। टूटू, विजयनगर, तवी मोड़, बालूगंज, बीसीएस, खलीनी, टॉलैंड, ओल्ड बस स्टैंड, संकट मोचन, ऑकलैंड टनल, लक्कड़ बाजार, विक्ट्री टनल, एक सौ तीन, रेलवे स्टेशन, एडवांस स्टडी, चौड़ा मैदान, विधानसभा चौक, संजौली आदि शहर की सभी मुख्य क्षेत्र ट्रैफिक जाम की जद में हैं। आज तक के इतिहास में शिमला शहर ने इन सभी जगहों पर एक साथ एक साल पहले तक कभी भी इस तरह का भयंकर जाम नहीं देखा था। जाम से शहर में अराजकता का वातावरण बन चुका है। लोग अपनी डयूटियों व बच्चे स्कूलों में समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। जाम के कारण एचआरटीसी व निजी बसों के कई रुट फेल हो रहे हैं जिससे एक ओर सरकार व निजी ऑपरेटरों तथा कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जनता की ट्रांसपोर्ट सुविधा में भारी खलल पड़ रहा है व जनता को मजबूरन भेड़ बकरियों की तरह लदकर गिनी चुनी बसों में सफर करना पड़ रहा है। वन मिनट प्लान के कारण उत्पन्न भयंकर जाम के कारण शिमला तक का टिकट लेने के बावजूद निजी बसों में सफर करने वाली सवारियों को बालूगंज एमएलए क्रॉसिंग पर उतरकर दर्जनों की संख्या में लाइन में लगी बसों में सबसे आगे की बस में बैठने पर दोबारा से टिकट लेनी पड़ रही है ताकि वे अपने कार्य के लिए समय पर पहुंचें। इस तरह जनता को किराए में दोगुना पैसा देना पड़ रहा है। जाम की स्थिति ऐसी बन चुकी है कि बालूगंज वाया चौड़ा मैदान विधानसभा सड़क जहां केवल छोटी गाड़ियां चलती हैं, वह भी ट्रैफिक जाम युक्त हो गयी है। टूटू, संजौली व पंथाघाटी से शिमला की सवारियों को बीस मिनट का सफर एक घण्टे में तय करना पड़ रहा है। वन मिनट ट्रैफिक प्लान के कारण शिमला शहर की जनता काफी परेशानी में है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी इस सारे मसले पर निष्क्रिय हैं। आला अधिकारियों के वन मिनट ट्रैफिक प्लान का ट्रैफिक कर्मी भी दबी जुबान विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर शिमला शहर के ट्रैफिक प्लान को दुरुस्त न किया गया व ट्रैफिक जाम से राहत न मिली तो नागरिक सभा सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। अगर अधिकारी अपनी हठधर्मिता से बाज न आए व ट्रैफिक प्लान दुरुस्त न हुआ तो नागरिक सभा डीसी, एसपी कार्यालय के भीतर धरना प्रदर्शन करने व विक्ट्री टनल पर चक्का जाम करने से भी नहीं हिचकेगी।
शिमला , 02 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! शिमला नागरिक सभा ने पिछले एक वर्ष में शिमला शहर में बढ़ी ट्रैफिक जाम की स्थिति के खिलाफ जनता को लामबंद करके आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। नागरिक सभा का मानना है कि शिमला शहर ट्रैफिक जाम का केंद्र बन चुका है व इस से जनता पिछले एक वर्ष से भारी परेशानी में है।
वन मिनट ट्रैफिक प्लान ने जनता का जीना दूभर कर दिया है। इस से शहर में कई घण्टों का जाम लग रहा है व पूरा दिन सुबह शाम दोपहर ट्रैफिक जाम आम बात हो गयी है। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर आगामी तीन दिनों के भीतर शिमला शहर में ट्रैफिक जाम खत्म न हुआ तो नागरिक सभा आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी तथा डीसी व एसपी कार्यालय की घेराबंदी व चक्का जाम करने से भी नहीं हिचकेगी।
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नागरिक सभा संयोजक संजय चौहान व सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने वन मिनट ट्रैफिक प्लान को पूरी तरह से नकार दिया है। इस प्लान के आने के बाद शिमला शहर जाम का केंद्र बन चुका है। टूटू, विजयनगर, तवी मोड़, बालूगंज, बीसीएस, खलीनी, टॉलैंड, ओल्ड बस स्टैंड, संकट मोचन, ऑकलैंड टनल, लक्कड़ बाजार, विक्ट्री टनल, एक सौ तीन, रेलवे स्टेशन, एडवांस स्टडी, चौड़ा मैदान, विधानसभा चौक, संजौली आदि शहर की सभी मुख्य क्षेत्र ट्रैफिक जाम की जद में हैं।
आज तक के इतिहास में शिमला शहर ने इन सभी जगहों पर एक साथ एक साल पहले तक कभी भी इस तरह का भयंकर जाम नहीं देखा था। जाम से शहर में अराजकता का वातावरण बन चुका है। लोग अपनी डयूटियों व बच्चे स्कूलों में समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। जाम के कारण एचआरटीसी व निजी बसों के कई रुट फेल हो रहे हैं जिससे एक ओर सरकार व निजी ऑपरेटरों तथा कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर जनता की ट्रांसपोर्ट सुविधा में भारी खलल पड़ रहा है व जनता को मजबूरन भेड़ बकरियों की तरह लदकर गिनी चुनी बसों में सफर करना पड़ रहा है। वन मिनट प्लान के कारण उत्पन्न भयंकर जाम के कारण शिमला तक का टिकट लेने के बावजूद निजी बसों में सफर करने वाली सवारियों को बालूगंज एमएलए क्रॉसिंग पर उतरकर दर्जनों की संख्या में लाइन में लगी बसों में सबसे आगे की बस में बैठने पर दोबारा से टिकट लेनी पड़ रही है ताकि वे अपने कार्य के लिए समय पर पहुंचें।
इस तरह जनता को किराए में दोगुना पैसा देना पड़ रहा है। जाम की स्थिति ऐसी बन चुकी है कि बालूगंज वाया चौड़ा मैदान विधानसभा सड़क जहां केवल छोटी गाड़ियां चलती हैं, वह भी ट्रैफिक जाम युक्त हो गयी है। टूटू, संजौली व पंथाघाटी से शिमला की सवारियों को बीस मिनट का सफर एक घण्टे में तय करना पड़ रहा है।
वन मिनट ट्रैफिक प्लान के कारण शिमला शहर की जनता काफी परेशानी में है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी इस सारे मसले पर निष्क्रिय हैं। आला अधिकारियों के वन मिनट ट्रैफिक प्लान का ट्रैफिक कर्मी भी दबी जुबान विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर शिमला शहर के ट्रैफिक प्लान को दुरुस्त न किया गया व ट्रैफिक जाम से राहत न मिली तो नागरिक सभा सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।
अगर अधिकारी अपनी हठधर्मिता से बाज न आए व ट्रैफिक प्लान दुरुस्त न हुआ तो नागरिक सभा डीसी, एसपी कार्यालय के भीतर धरना प्रदर्शन करने व विक्ट्री टनल पर चक्का जाम करने से भी नहीं हिचकेगी।
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