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शिमला ! नगर निगम शिमला की चुनावी प्रक्रिया पर संकट मंडराता नजर आ रहा है. मंगलवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाभा की निवर्तमान पार्षद सिम्मी नंदा और समरहिल पूर्व पार्षद राजीव ठाकुर की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच वार्डों की चुनावी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने जिलाधीश शिमला और मंडलायुक्त से डीलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को लेकर भी जवाब तलब किया है. नगर निगम चुनाव के लिए पुनर्सीमांकन को लेकर मंडल आयुक्त के फैसले को दोनों याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. इससे पहले जिलाधीश आदित्य नेगी ने दोनों याचिकाकर्ताओं की आपत्ति पर सुनाई करते हुए उसे खारिज कर दिया था. इसके बाद डीसी के फैसले को मंडलायुक्त के पास चुनौती दी गई थी, लेकिन मंडलायुक्त ने भी दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया. इसके बाद दोनों याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. मंगलवार को मामले में सुनवाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पांच वार्डों में चुनावी प्रक्रिया पर लगाने का फैसला दिया है. बता दें कि इन दिनों शिमला नगर निगम प्रशासन चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है. प्रशासन की ओर से चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है. इससे पहले प्रशासन की ओर से शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या 36 से बढ़ाकर 41 की गई थी. पुनर्सीमांकन के दौरान कई वार्डों की सीमा को घटाई और बढ़ाई गई थी. इसी पुनर्सीमांकन के खिलाफ नाभा वार्ड की निवर्तमान पार्षद सिम्मी नंदा और समरहिल वार्ड से पूर्व पार्षद राजीव ठाकुर ने याचिका दर्ज की थी.
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