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शिमला ! प्रदेश के दिव्यांगजनों के कौशल विकास के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम एक विशेष अभियान- नवधारणा चला रहा है जिसके माध्यम से प्रदेश के दिव्यांगजनों को पर्यटन व रिटेल के क्षेत्र में रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. राम लाल मारकंडा ने आज यहां आयोजित एक कार्यशाला के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा की दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कौशल प्रशिक्षण पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दिव्यांगजनों को रोजगार एवं अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नवधारणा कार्यक्रम के अंतर्गत निगम प्रयासरत है। इस कार्यक्रम की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में 2019-20 में की थी। डा. मारकंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत निगम राज्य में 300 मूक अथवा बधिर, चलने में अक्षम और एसिड हमले के पीड़ितों के लिए खुदरा और पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को निःशुल्क एवं आवासीय कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। इस कार्यशाला में उद्योग जगत की नामी कंपनियो के प्रतिनिधियांे ने हिस्सा लिया और दिव्यांगजनांे को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने पर भी चर्चा की गई। भारत सरकार के उपक्रम नेशनल हेंडिकैप्ड फाइनेंसिंग एण्ड डेवलेपमेंट कारपोरेशन के अधिकारियों ने दिव्यांगजनांे को वित्तीय सहायता के लिए उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी। इसके अलावा, कार्यशाला में दिव्यांगजनों के लिए प्रासंगिक प्रशिक्षण क्षेत्रों के चयन पर मंथन किया गया तथा इस प्रशिक्षण को और रोजगारन्मुखी बनाने के लिए आमंत्रित उद्योग विशेषज्ञों के सुझाव लिए गए। निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने निगम के प्रशिक्षण कार्यक्रमो की जानकारी दी। कार्यशाला में विभिन्न निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों तथा स्वयं सहायता समूह ने भी भाग लिया।
शिमला ! प्रदेश के दिव्यांगजनों के कौशल विकास के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम एक विशेष अभियान- नवधारणा चला रहा है जिसके माध्यम से प्रदेश के दिव्यांगजनों को पर्यटन व रिटेल के क्षेत्र में रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. राम लाल मारकंडा ने आज यहां आयोजित एक कार्यशाला के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा की दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कौशल प्रशिक्षण पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दिव्यांगजनों को रोजगार एवं अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नवधारणा कार्यक्रम के अंतर्गत निगम प्रयासरत है। इस कार्यक्रम की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में 2019-20 में की थी।
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डा. मारकंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत निगम राज्य में 300 मूक अथवा बधिर, चलने में अक्षम और एसिड हमले के पीड़ितों के लिए खुदरा और पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को निःशुल्क एवं आवासीय कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
इस कार्यशाला में उद्योग जगत की नामी कंपनियो के प्रतिनिधियांे ने हिस्सा लिया और दिव्यांगजनांे को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने पर भी चर्चा की गई। भारत सरकार के उपक्रम नेशनल हेंडिकैप्ड फाइनेंसिंग एण्ड डेवलेपमेंट कारपोरेशन के अधिकारियों ने दिव्यांगजनांे को वित्तीय सहायता के लिए उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी।
इसके अलावा, कार्यशाला में दिव्यांगजनों के लिए प्रासंगिक प्रशिक्षण क्षेत्रों के चयन पर मंथन किया गया तथा इस प्रशिक्षण को और रोजगारन्मुखी बनाने के लिए आमंत्रित उद्योग विशेषज्ञों के सुझाव लिए गए।
निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने निगम के प्रशिक्षण कार्यक्रमो की जानकारी दी।
कार्यशाला में विभिन्न निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों तथा स्वयं सहायता समूह ने भी भाग लिया।
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