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शिमला , 08 अगस्त [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य सचिव के घर पर काम न करने पर नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंह सिंघा ने सरकार को जल्द इस फैसले को वापस लेने की चेतावनी दी है और यदि इन तीनों आउटसोर्स कर्मियों को बहाल नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है। ठियोग के पूर्व विधायक व सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि एनएचएम के तीन आउटसोर्स कर्मियों को स्वास्थ्य सचिव ने नौकरी से निकाल कर उनकी जिंदगी खराब कर दी है । ये वही कर्मी है जिन्होंने कोविड- में जान को जोखिम में डालकर सेवाएं दी थी और पिछले सात-आठ सालों से कार्य कर रहे थे। उन्हें गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है। यह कर्मी दफ्तर में काम करने के लिए रखे गए हैं ना कि किसी अधिकारी के घरों में काम करने के लिए। इसमे एक महिला अपंग है। इस तरह से नौकरी से निकालने का अधिकारियों का तरीका सही नही है। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि वह जल्द से जल्द अपने इस फैसले को वापस ले और अभी सरकार से आग्रह कर रहे हैं और यदि सरकार इन कर्मियों को वापिस नौकरी पर नही रखती है तो धरने पर बैठने से वे पीछे नही हटेंगे। इस मुद्दे पर सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इसको लेकर वे मुख्यमंत्री से एक बार बात करेंगे उसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
शिमला , 08 अगस्त [ विशाल सूद ] ! स्वास्थ्य सचिव के घर पर काम न करने पर नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंह सिंघा ने सरकार को जल्द इस फैसले को वापस लेने की चेतावनी दी है और यदि इन तीनों आउटसोर्स कर्मियों को बहाल नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है।
ठियोग के पूर्व विधायक व सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि एनएचएम के तीन आउटसोर्स कर्मियों को स्वास्थ्य सचिव ने नौकरी से निकाल कर उनकी जिंदगी खराब कर दी है ।
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ये वही कर्मी है जिन्होंने कोविड- में जान को जोखिम में डालकर सेवाएं दी थी और पिछले सात-आठ सालों से कार्य कर रहे थे। उन्हें गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है। यह कर्मी दफ्तर में काम करने के लिए रखे गए हैं ना कि किसी अधिकारी के घरों में काम करने के लिए। इसमे एक महिला अपंग है। इस तरह से नौकरी से निकालने का अधिकारियों का तरीका सही नही है।
उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह है कि वह जल्द से जल्द अपने इस फैसले को वापस ले और अभी सरकार से आग्रह कर रहे हैं और यदि सरकार इन कर्मियों को वापिस नौकरी पर नही रखती है तो धरने पर बैठने से वे पीछे नही हटेंगे। इस मुद्दे पर सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इसको लेकर वे मुख्यमंत्री से एक बार बात करेंगे उसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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