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शिमला ! जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष यंशवत छाजटा ने डी.डी.यू. अस्पताल को 4 जिलों का कोविड अस्पताल घोषित किए जाने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि डी.डी.यू अस्तपाल को पहले शिमला और किन्नौर के लिए कोविड अस्तपाल घोषित किया गया, जिससे पर उस समय भी डाक्टरों समेत लोगों ने आपत्ति जताई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके साथ ही अब उक्त जोनल अस्तपाल को शिमला, सिरमौर, किन्नौर और सोलन जिलों को कोविड अस्पताल बना दिया गया जबकि यहां मूलभूत सुुविधा तक नहीं है। ऐसे में बिना सोचे समझे जोनल अस्पताल पर 4 जिला का बोझ डालना गलत है जबकि सिरमौर और सोलन में मेडिकल अस्पताल है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा है कि सरकार को अपने फैसले पर पुर्न विचार करना चाहिए। छाजटा ने कहा कि डी.डी.यू. अस्पताल शहर के बीच में है, ऐसे में सरकार का यह निर्णय शहरवासियों पर भारी पड़ सकता है। छाजटा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बिना सोचे-समझे केंद्र और गृह मंत्रालय के तुगलकी फरमान को आंखे बंद करके लागू कर रही है। जिस तरह से प्रदेश में लगातार कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है, उसकी मुख्य वजह बिना सोचे समझे लिए गए निर्णय ही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए भी अपने स्तर पर निर्णय ले। पयर्टन खोलने के निर्णय का प्रदेश के 80 प्रतिशत से अधिक होटलिय विरोध कर रहे हैं जबकि सरकार ने उन्हे बिना पूछे पर्यटकों के लिए प्रदेश की सीमाओं को खोल दिया। सलाह दी कि जब भी सरकार कोई निर्णय ले तो संबंधित स्टेक होल्डरों से बात अवश्य करे। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों के लिए कानून कड़े हैं तथा सैलानियों को मापदंड सरल रखे हैं। कांग्रेस नेताओं पर केस, अपनों को खुली छूट छाजटा ने कहा कि एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान बांटा जा रहा दूसरी तरफ सरकार और सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है, वह निंदनीय है। छाजटा ने कहा है कि प्रदेश में जनता की आवाज उठाने पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए केस पर केस दर्ज किए जा रहे है जबकि सताधारी दल के नेताओं और पदाधिकारियों को नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट दी गई है।।
शिमला ! जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष यंशवत छाजटा ने डी.डी.यू. अस्पताल को 4 जिलों का कोविड अस्पताल घोषित किए जाने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि डी.डी.यू अस्तपाल को पहले शिमला और किन्नौर के लिए कोविड अस्तपाल घोषित किया गया, जिससे पर उस समय भी डाक्टरों समेत लोगों ने आपत्ति जताई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके साथ ही अब उक्त जोनल अस्तपाल को शिमला, सिरमौर, किन्नौर और सोलन जिलों को कोविड अस्पताल बना दिया गया जबकि यहां मूलभूत सुुविधा तक नहीं है। ऐसे में बिना सोचे समझे जोनल अस्पताल पर 4 जिला का बोझ डालना गलत है जबकि सिरमौर और सोलन में मेडिकल अस्पताल है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा है कि सरकार को अपने फैसले पर पुर्न विचार करना चाहिए।
छाजटा ने कहा कि डी.डी.यू. अस्पताल शहर के बीच में है, ऐसे में सरकार का यह निर्णय शहरवासियों पर भारी पड़ सकता है। छाजटा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बिना सोचे-समझे केंद्र और गृह मंत्रालय के तुगलकी फरमान को आंखे बंद करके लागू कर रही है। जिस तरह से प्रदेश में लगातार कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है, उसकी मुख्य वजह बिना सोचे समझे लिए गए निर्णय ही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए भी अपने स्तर पर निर्णय ले। पयर्टन खोलने के निर्णय का प्रदेश के 80 प्रतिशत से अधिक होटलिय विरोध कर रहे हैं जबकि सरकार ने उन्हे बिना पूछे पर्यटकों के लिए प्रदेश की सीमाओं को खोल दिया। सलाह दी कि जब भी सरकार कोई निर्णय ले तो संबंधित स्टेक होल्डरों से बात अवश्य करे। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों के लिए कानून कड़े हैं तथा सैलानियों को मापदंड सरल रखे हैं।
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छाजटा ने कहा कि एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान बांटा जा रहा दूसरी तरफ सरकार और सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है, वह निंदनीय है। छाजटा ने कहा है कि प्रदेश में जनता की आवाज उठाने पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए केस पर केस दर्ज किए जा रहे है जबकि सताधारी दल के नेताओं और पदाधिकारियों को नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट दी गई है।।
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