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शिमला , 05 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटन वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा सितंबर माह से टैक्स लगाया गया है। जिससे बाहरी राज्यो के ऑपरेटर द्वारा प्रदेश में गाड़ियां नही भेजी जा रही है और अब बुकिंग की केंसिल हो रही है जिससे पर्यटन कारोबार को नुक्सान हो रहा है और कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई है और सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापिस लेने की मांग कर रहे है। शिमला टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लें। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। गुजरात, बंगाल तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर के द्वारा हिमाचल आते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक परिजनों के साथ अंबाला और चंडीगढ़ तक ट्रेन में आते है तथा वहां से टैम्पों ट्रैवलर किराए पर लेकर हिमाचल का रुख करते है। हिमाचल में होटलों की ऑक्यूपेंसी बढ़ाने में इन ग्रुप का बढ़ा योगदान रहता है। लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है उससे टूअर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है। हिमाचल प्रदेश में 15 सितंबर से सीजन अक्टूबर से सीजन शुरू होने जा रहा है ऐसे में अब बाहरी राज्यों के ऑपरेटर और टूर एंड ट्रेवल द्वारा हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेजी जा रही है हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर पर ₹5000 प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाया गया है जो की काफी ज्यादा है किराए पर भारी राज्यों से दो-तीन दिन के लिए गाड़ियां बुक करवा कर आते हैं ऐसे में यहां पर उन्हें प्रतिदिन ₹5000 देना पड़ेगा तो कोई भी पर्यटक हिमाचल नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पहले ही हिमाचल में 3 महीने से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से आपदा के चलते तक हो गया था वही आप पर्यटक हिमाचल का रुख करने लगे हैं लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर और बसों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने से पर्यटन कारोबार को फिर नुकसान हो रहा है और पर्यटक हिमाचल नहीं आ रहे हैं उन्होंने कहा कि कई बुकिंग है कैंसिल हो रही है ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है उसे फैसले को वापस लाना चाहिए।
शिमला , 05 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटन वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा सितंबर माह से टैक्स लगाया गया है। जिससे बाहरी राज्यो के ऑपरेटर द्वारा प्रदेश में गाड़ियां नही भेजी जा रही है और अब बुकिंग की केंसिल हो रही है जिससे पर्यटन कारोबार को नुक्सान हो रहा है और कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई है और सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापिस लेने की मांग कर रहे है।
शिमला टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लें। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
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गुजरात, बंगाल तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर के द्वारा हिमाचल आते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक परिजनों के साथ अंबाला और चंडीगढ़ तक ट्रेन में आते है तथा वहां से टैम्पों ट्रैवलर किराए पर लेकर हिमाचल का रुख करते है।
हिमाचल में होटलों की ऑक्यूपेंसी बढ़ाने में इन ग्रुप का बढ़ा योगदान रहता है। लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है उससे टूअर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है।
हिमाचल प्रदेश में 15 सितंबर से सीजन अक्टूबर से सीजन शुरू होने जा रहा है ऐसे में अब बाहरी राज्यों के ऑपरेटर और टूर एंड ट्रेवल द्वारा हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेजी जा रही है हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर पर ₹5000 प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाया गया है जो की काफी ज्यादा है किराए पर भारी राज्यों से दो-तीन दिन के लिए गाड़ियां बुक करवा कर आते हैं ऐसे में यहां पर उन्हें प्रतिदिन ₹5000 देना पड़ेगा तो कोई भी पर्यटक हिमाचल नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि पहले ही हिमाचल में 3 महीने से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से आपदा के चलते तक हो गया था वही आप पर्यटक हिमाचल का रुख करने लगे हैं लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर और बसों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने से पर्यटन कारोबार को फिर नुकसान हो रहा है और पर्यटक हिमाचल नहीं आ रहे हैं उन्होंने कहा कि कई बुकिंग है कैंसिल हो रही है ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है उसे फैसले को वापस लाना चाहिए।
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