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शिमला , 18 जनवरी [ विशाल सूद ] ! गुरुवार को बड़ी संख्या में जेओए-आईटी पोस्टकार्ड 817 के अभ्यार्थी अपना दर्द लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय के बाहर पहुंचे. जिसकी वजह है 4 वर्षों से लगातार नौकरी पाने का इंतजार वह इंतजार जो परीक्षाएं पूरी करने के बाद खत्म हो जाना चाहिए था. मगर यह युवा बेरोजगार अभी भी अपने हक की नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं. मगर तमाम कानूनी लड़ाई पूरी होने के बावजूद अभी तक इन युवाओं को नौकरी नहीं मिली है. सिस्टम से हताश जेओए-आईटी अभ्यार्थी सौरभ शर्मा ने बताया कि वे सिरमौर से हैं और पिछले 4 सालों से केवल संघर्ष कर रहे हैं उन्होंने कहा कि वह अकेले नहीं है 6000 के करीब परिवार इसी मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं सौरभ शर्मा ने बताया कि उनकी भारती का मामला पहले उच्च न्यायालय फिर सच सर्वोच्च न्यायालय गया. इसके बाद 9 नवंबर 2030 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया के आदेश दिए की उनकी परीक्षा इनकी भारतीय साल 2020 के रूल के मुताबिक की जाए इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी दो महीना में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कही लेकिन अभी तक ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू कई मंचों से तुरंत प्रभाव तुरंत प्रभाव से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कह चुके हैं लेकिन इसके बाद उन्हें सुनने को मिलता है कि कैबिनेट से अनुमति अभी तक नहीं मिली ऐसे में अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर कौन इन भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना चाह रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कथन के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में इतनी देरी क्यों हो रही है. वही एक अन्य अभ्यर्थी ज्योति ने कहा कि उन्हें बार-बार आश्वासन दिए जा रहे हैं लेकिन भर्ती पूरी करवाने को लेकर कोई एक्शन नहीं दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सरकार में कोई उनके फेवर में नजर नहीं आता. ज्योति ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद में हायर अथॉरिटी हैं उन्हें इस पर खुद संज्ञान लेकर प्रक्रिया को पूरा करवाना चाहिए लेकिन अभी तक तो केवल आश्वासन ही उन्हें मिल रहे हैं।
शिमला , 18 जनवरी [ विशाल सूद ] ! गुरुवार को बड़ी संख्या में जेओए-आईटी पोस्टकार्ड 817 के अभ्यार्थी अपना दर्द लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय के बाहर पहुंचे. जिसकी वजह है 4 वर्षों से लगातार नौकरी पाने का इंतजार वह इंतजार जो परीक्षाएं पूरी करने के बाद खत्म हो जाना चाहिए था. मगर यह युवा बेरोजगार अभी भी अपने हक की नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं. मगर तमाम कानूनी लड़ाई पूरी होने के बावजूद अभी तक इन युवाओं को नौकरी नहीं मिली है.
सिस्टम से हताश जेओए-आईटी अभ्यार्थी सौरभ शर्मा ने बताया कि वे सिरमौर से हैं और पिछले 4 सालों से केवल संघर्ष कर रहे हैं उन्होंने कहा कि वह अकेले नहीं है 6000 के करीब परिवार इसी मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं सौरभ शर्मा ने बताया कि उनकी भारती का मामला पहले उच्च न्यायालय फिर सच सर्वोच्च न्यायालय गया. इसके बाद 9 नवंबर 2030 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया के आदेश दिए की उनकी परीक्षा इनकी भारतीय साल 2020 के रूल के मुताबिक की जाए इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी दो महीना में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कही लेकिन अभी तक ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू कई मंचों से तुरंत प्रभाव तुरंत प्रभाव से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कह चुके हैं लेकिन इसके बाद उन्हें सुनने को मिलता है कि कैबिनेट से अनुमति अभी तक नहीं मिली ऐसे में अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर कौन इन भर्ती प्रक्रियाओं को रोकना चाह रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कथन के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में इतनी देरी क्यों हो रही है.
वही एक अन्य अभ्यर्थी ज्योति ने कहा कि उन्हें बार-बार आश्वासन दिए जा रहे हैं लेकिन भर्ती पूरी करवाने को लेकर कोई एक्शन नहीं दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सरकार में कोई उनके फेवर में नजर नहीं आता. ज्योति ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद में हायर अथॉरिटी हैं उन्हें इस पर खुद संज्ञान लेकर प्रक्रिया को पूरा करवाना चाहिए लेकिन अभी तक तो केवल आश्वासन ही उन्हें मिल रहे हैं।
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