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शिमला 11 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एसएस जोगटा ने जयराम सरकार को कर्मचारी विरोधी सरकार करार दिया है। शिमला में एक पत्रकार वार्ता म दौरान एसएस जोगटा ने कहा है कि जयराम ने लाखों कर्मचारियों को उनके वित्तीय हकों से वंचित रखा है। सरकार ने कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर नया स्केल नहीं दिया। कर्मचारियों के वेतन की फिक्सेशन लास्ट ड्रॉन सैलरी 31 दिसंबर 2015 के आधार की जानी थी, लेकिन सरकार ने 31 दिसंबर 2012 के आधार पर फिक्सेशन की। सरकार ने जो वेतनमान दिया भी, उसमें कर्मचारियों के लिए वेतन विसंगतियां पैदा कर दीं। सरकार एरियर किश्तों में दे रही है, वहीं कई कर्मचारियों को किश्तों में भी एरियर नहीं मिल रहा। इसी तरह सरकार ने कर्मचारियों को विभिन्न देय भत्तों से भी वंचित रख कर रखा है। जोगटा ने कहा कि सरकार ने एक जनवरी 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर हुए करीब 45 हजार कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट, डीसीआरजी, कम्यूटेशन सहित अन्य वित्तीय लाभों से वंचित रखकर उनके साथ भेदभाव किया है। वहीं जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को 2016 से नया वेतनमान देने की बजाए सितंबर 2022 से देकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है।
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