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शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने धरना प्रदर्शन कर छात्रों की मांग उठाई धरने में मौजूद इकाई उपाध्यक्ष कमलेश जी ने कहा कि वि वि के हजारों ऐसे छात्र है जिन्हे शिमला में कमरा लेकर रहना पड़ रहा है। पिछले विते दिनों में विश्वविद्यालय अपने पीठ थपथपाने के लिए कार्यक्रम करवाती है जिसमें कोरोना महामारी के सारे नियम दरकिनार किए जाते है लेकिन जब एबीवीपी छात्रों के लिए हॉस्टल खोलने की बात कहती है तो प्रशासन को कोरोन्ना के नियमो की याद आ जाती है। और कोरोना का बहाना बना कर बात को लगातार टालने की कोशिश में लगी है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के ई आर पी प्रणाली को उच्च कोटि का बताती है मानो पूरे देश में ऐसा ई आर पी कहीं नहीं है लेकिन जब ई आर पी की खामियां सामने आकर छात्रों के लिए गम्भीर समस्या बन जाती है तो ई आर पी की वास्तविकता सामने आती है । उन्होंने कहा खराब ई आर पी प्रणाली के कारण छात्रों को परीक्षा परिणाम, प्रवेश, फीस जमा न हो पाने जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीबी ए / बीसीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज के छात्रों की मांग को उठाते हुए इकाई अध्यक्ष विशाल जी ने कहा कि ये कोर्सेज विश्वविद्यालय संचालित करता है और प्रदेश के अनेकों क्षेत्रों से से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते है। महाविद्यालयों में तो ये कोर्सेज चल रहे है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इनके बारे में कोई सुध नहीं ले रहा । विशाल ने कहा कि पिछले बेच के छात्रों के लंबा समय बीत जाने के बाद भी री- अपियर परीक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं किए गए है। उन्होंने कहा कि महज इतने में ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की लापरवाही नहीं रुकती अभी तक प्रदेश सरकार दुआरा लिए गए पदोन्नत के निर्णय के बाबजूद भी अभी तक विश्वविद्यालय प्रशाशन ने अभी तक ये तय नहीं किया है कि इन छात्रों की इन छात्रों की परीक्षाएं होनी हे ये इन्हे पदोन्नति देनी है उन्होंने कहा कि छात्रों से परीक्षाओं के नाम पर महज फीस वसूली का काम किया है । परीक्षाओं की फीस प्रशासन दुआर 5000 और 20000 तक ली गई है लेकिन अभी तक परीक्षाओं के बारे में कोई चिंतन मनन नहीं है । प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि आज तक भी छात्रों की अनेक समस्याएं थी, आज से पहले भी छात्रों की छात्र हित से जुड़ी हुई विशेष मांगे थी लेकिन कुछ छात्र संगठनों को ये आज ही दिखाई पड़ती है, उनका ऐसा करना कहीं ना कहीं राजनीतिक रोटियां। सेकने जैसा है । उन्होंने प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता की मांग को उठाते हुए कहा कि प्रदेश में रही कोंग्रेस सरकार ने विश्वविद्यालय की स्वायतता को छीन कर विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली पर गहरा धक्का लगाया है । कोंग्रेस स्वायतता छीन कर विश्वविद्यालय को कमजोर करने का काम किया है उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से छीनी गई स्वायतता को वापिस किया जाए जाए । ताकि विश्वविद्यालय कार्य प्रणाली को सुदृढ़ किया का सके ।
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