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शिमला ! संयुक्त किसान मंच के बैनर तले आज किसानों व बागवानों के विभिन्न संगठनों के द्वारा सरकार की नीतियों के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया गया। आज सरकार की किसानों व बागवानों की अनदेखी विशेष रुप से सेब को 5500 करोड़ रुपए आर्थिकी पर जो संकट खड़ा किया गया है। सरकार की इन नीतियों के विरुद्ध आज शिमला के रोहड़ू, ठियोग, कोटखाई, नारकण्डा, रामपुर, कुल्लू के निरमण्ड, आनी, किन्नौर, मण्डी व अन्य जिलों में जोरदार प्रदर्शन किये गए। इस प्रदर्शन में संयुक्त किसान मंच ने निर्णय लिया कि सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों के विरुद्ध 5 अगस्त, 2022 को शिमला में सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते किसानों बागवानों पर टैक्स थोप कर उत्पादन लागत बढ़ा रही है और उनको इनके उत्पाद की उचित कीमत नही मिल रही है। मंच सरकार को वर्षों से बार बार किसानों व बागवानों की मांगो को लेकर ज्ञापन दे रही है। परन्तु सरकार इन पर कोई गौर नहीं कर रही है और बागवानों से बातचीत तक करने के लिए भी तैयार नहीं है। इन मांगों में मुख्यतः पैकेजिंग सामग्री जिसमें कार्टन पर जीएसटी 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत वृद्धि तुरन्त वापिस ली जाए। खाद, फफूंदीनाशक, कीटनाशक कार्टन, ट्रे व अन्य लागत वस्तुओं पर सब्सिडी दी जाए। कश्मीर की तर्ज पर मण्डी मध्यस्थता योजना योजना लागू करो। ए ग्रेड के सेब के 60 ₹, बी ग्रेड के 44 ₹ और सी ग्रेड के 24₹ किया जाए और ए पी एम सी व हिमफेड में लिये गए सेब का भुगतान तुरन्त करो। प्रदेश में ए पी एम सी कानून को सख्ती से लागू करे। इस आंदोलन में सभी संगठनों ने मिलकर आह्वान किया है कि यदि सरकार किसानों की मांगों पर तुरन्त अमल नही करती हैं तो यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि किसानों व बागवानों की मांगो पर सरकार अमल नहीं करती है।
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