- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष राज्य में ही गेहूं खरीद केन्द्र खोलकर गेहूं खरीद को ज्यादा सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और ऊना के किसान अपनी उपज पड़ोसी राज्यांे पंजाब और हरियाणा में बेचने जाते हैं जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याआंे का सामना करना पड़ता है। इसलिए उनकी सुविधा के लिए प्रदेश में ही गेहूं खरीद केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाहौल-स्पिती व किन्नौर जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में गेहूं की फसल उगाई जाती है और इस वर्ष लगभग 672 हजार मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने का अनुमान है। राज्य सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये तय किया है। वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग व विपणन बोर्ड की मदद से गेहूं की खरीद के लिए सिरमौर जिला के पांवटा साहिब व काला अम्ब, ऊना जिले में कांगड़ (हरोली) व टकराला और जिला कांगड़ा के फतेहपुर में खरीद केन्द्र खोले गए हैं। उन्होंने सोलन जिले के नालागढ़ में गेहूं खरीद केन्द्र खोलने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में लगभग 6701 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। पांवटा साहिब में 5570, काला अम्ब में 367, ऊना जिला के कांगड़ में 379.50 व टकराला में 132 तथा जिला कांगड़ा के फतेहपुर में 252.50 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। उन्होंने विभाग को गेहूं खरीद के लिए समय रहते प्रबंध करने और खरीद केन्द्रों पर सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि केन्द्र पर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। वीरेन्द्र कंवर ने प्रदेश के किसानों से अपनी उपज को निकटवर्ती खरीद केन्द्रांे पर लाने और अपने उत्पादों को निर्धारित समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचने का आग्रह किया।
शिमला ! प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष राज्य में ही गेहूं खरीद केन्द्र खोलकर गेहूं खरीद को ज्यादा सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है।
कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और ऊना के किसान अपनी उपज पड़ोसी राज्यांे पंजाब और हरियाणा में बेचने जाते हैं जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याआंे का सामना करना पड़ता है। इसलिए उनकी सुविधा के लिए प्रदेश में ही गेहूं खरीद केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाहौल-स्पिती व किन्नौर जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में गेहूं की फसल उगाई जाती है और इस वर्ष लगभग 672 हजार मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने का अनुमान है। राज्य सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये तय किया है।
वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग व विपणन बोर्ड की मदद से गेहूं की खरीद के लिए सिरमौर जिला के पांवटा साहिब व काला अम्ब, ऊना जिले में कांगड़ (हरोली) व टकराला और जिला कांगड़ा के फतेहपुर में खरीद केन्द्र खोले गए हैं। उन्होंने सोलन जिले के नालागढ़ में गेहूं खरीद केन्द्र खोलने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में लगभग 6701 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। पांवटा साहिब में 5570, काला अम्ब में 367, ऊना जिला के कांगड़ में 379.50 व टकराला में 132 तथा जिला कांगड़ा के फतेहपुर में 252.50 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है।
उन्होंने विभाग को गेहूं खरीद के लिए समय रहते प्रबंध करने और खरीद केन्द्रों पर सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि केन्द्र पर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
वीरेन्द्र कंवर ने प्रदेश के किसानों से अपनी उपज को निकटवर्ती खरीद केन्द्रांे पर लाने और अपने उत्पादों को निर्धारित समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचने का आग्रह किया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -