- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 22 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल किसान सभा व सीटू के बैनर तले सैंकड़ों किसानों मजदूरों ने सुन्नी बाँध हाइड्रो परियोजना में किसानों की तेरह व मजदूरों की दस मांगों को लेकर विशाल धरना दिया। किसानों व मजदूरों ने सुबह से शाम तक रित्विक कम्पनी कार्यालय के बाहर डेरा जमाए रखा। आंदोलन नौकरी से गैर कानूनी तरीके से निकाले गए आठ मजदूरों की बहाली के उपरांत ही समाप्त हुआ। किसान सभा व सीटू ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों मजदूरों की मांगें शीघ्र पूर्ण न हुईं तो आंदोलन तेज होगा। रैली को राकेश सिंघा, विजेंद्र मेहरा, कुंदन लाल शर्मा, भीमी राम शर्मा, अमित कुमार, कुलदीप सिंह तंवर व कुलदीप डोगरा सहित एक दर्जन वक्ताओं ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि सुन्नी बांध हाइड्रो परियोजना में प्रभावित किसानों के अधिकारों व मजदूरों के श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना की जा रही है। किसानों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। जमीन के बदले जमीन नहीं दी गयी है। लुणसु में जनता के विरोध के बावजूद डंपिंग की जा रही है। डस्ट अलाउंस तक नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है। मजदूरों से 18 घन्टे काम करवाया जा रहा है। उन्हें टनल वेतन, छुट्टियों का वेतन, ओवरटाइम वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें दस्ताने, जूते, हेलमेट, मास्क आदि सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों को कई कई महीने वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनके ईपीएफ का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें रहने, खाने, मैस, केंटीन, शौचालयों, स्नानघरों, यातायात सुविधा, छुट्टियों, श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकरण आदि की उचित सुविधा नहीं है। मजदूरों को उचित रिहाईश के बजाए कंटेनरों में पशुओं की तरह ठूंसा गया है। एक एक कंटेनर में दर्जनों मजदूरों को रहने के लिए विवश किया जा रहा है। उन्हें श्रेणी अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनसे 12 घण्टे कार्य करवाने के बावजूद न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर ये मांगें शीघ्र पूर्ण न हुई तो आंदोलन तेज होगा।
शिमला , 22 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल किसान सभा व सीटू के बैनर तले सैंकड़ों किसानों मजदूरों ने सुन्नी बाँध हाइड्रो परियोजना में किसानों की तेरह व मजदूरों की दस मांगों को लेकर विशाल धरना दिया। किसानों व मजदूरों ने सुबह से शाम तक रित्विक कम्पनी कार्यालय के बाहर डेरा जमाए रखा।
आंदोलन नौकरी से गैर कानूनी तरीके से निकाले गए आठ मजदूरों की बहाली के उपरांत ही समाप्त हुआ। किसान सभा व सीटू ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों मजदूरों की मांगें शीघ्र पूर्ण न हुईं तो आंदोलन तेज होगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
रैली को राकेश सिंघा, विजेंद्र मेहरा, कुंदन लाल शर्मा, भीमी राम शर्मा, अमित कुमार, कुलदीप सिंह तंवर व कुलदीप डोगरा सहित एक दर्जन वक्ताओं ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि सुन्नी बांध हाइड्रो परियोजना में प्रभावित किसानों के अधिकारों व मजदूरों के श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना की जा रही है। किसानों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।
जमीन के बदले जमीन नहीं दी गयी है। लुणसु में जनता के विरोध के बावजूद डंपिंग की जा रही है। डस्ट अलाउंस तक नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है। मजदूरों से 18 घन्टे काम करवाया जा रहा है। उन्हें टनल वेतन, छुट्टियों का वेतन, ओवरटाइम वेतन नहीं दिया जा रहा है।
उन्हें दस्ताने, जूते, हेलमेट, मास्क आदि सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों को कई कई महीने वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनके ईपीएफ का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें रहने, खाने, मैस, केंटीन, शौचालयों, स्नानघरों, यातायात सुविधा, छुट्टियों, श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकरण आदि की उचित सुविधा नहीं है। मजदूरों को उचित रिहाईश के बजाए कंटेनरों में पशुओं की तरह ठूंसा गया है।
एक एक कंटेनर में दर्जनों मजदूरों को रहने के लिए विवश किया जा रहा है। उन्हें श्रेणी अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है। उनसे 12 घण्टे कार्य करवाने के बावजूद न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर ये मांगें शीघ्र पूर्ण न हुई तो आंदोलन तेज होगा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -