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शिमला ! भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में फूट साफ है। कल 7 कांग्रेस ब्लॉक समितियों जिसमें कसौली, हमीरपुर, कांगड़ा, सुलहा, पच्छाद, जोगिंदर नगर और सरकाघाट को दिल्ली से शिमला में कांग्रेस मुख्यालय द्वारा प्राप्त एक ईमेल द्वारा भंग कर दिया गया था। इस बात की पुष्टि कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने की है। सत्ती ने कहा कि कांग्रेस के पास इतने नेता और राज्य के प्रभारी हैं कि उनकी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी नहीं पता कि पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है। मुझे यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि प्रतिभा सिंह को कांग्रेस की 7 ब्लॉक समितियों के विघटन के बारे में पता नहीं था और उन्हें स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली भागना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा की अपनी ही पार्टी में उनकी स्थिति के लिए सहानुभूति रखता हूं और मैं मानता हूं कि पार्टी में 5 कार्यकारी अध्यक्षों, 2 पर्यवेक्षकों, 2 चुनाव प्रभारी और 3 अन्य अधिकारियों के साथ काम करना काफी कठिन है। लेकिन यह सच है कि कांग्रेस की संस्कृति ऐसी रही है, वे अपने अध्यक्ष को कभी विश्वास में नहीं लेते। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत, राजीव शुक्ला और सचिन पायलट अपने फैसलों को लेकर काफी मुखर हैं। पर ऐसा देखने को पहली बार मिला है की एक ऑब्जर्व दिल्ली से ब्लॉक समितियों को बंग करवा दे। आज कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस की हालत कितनी दयनीय है। गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे के पत्र में राहुल गांधी के बचकाने व्यवहार का जिक्र किया था। हिमाचल में कांग्रेस के 7 से अधिक मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, जो यह स्पष्ट करता है कि वे आगामी आम चुनावों में कभी भी एक नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस देश और राज्य में भाई-भतीजावाद और राजनीतिक संकट की स्थिति का सामना कर रही है। यह साफ है कि को कांग्रेस हिमाचल में सरकार कभी नहीं बना पाएंगे।
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