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शिमला , 24 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाजपा नेता एवं विधायक के डॉ जनक राज ने कांग्रेस नेता ठाकुर रामलाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपना कुनबा संभालना चाहिए और भाजपा की चिंता है छोड़ देनी चाहिए, जहां कांग्रेस के नेता वोट दिखाकर भाजपा को डालते हैं और फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेते हैं और इतिहास में पहली बार ऐसा होता है जब निर्दलीय विधायक भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इस्तीफा देते हैं आज से पहले इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। यह सरकार निश्चित रूप से वेंटिलेटर पर है और वेंटिलेटर पर ही रहेगी रामलाल ठाकुर जितना मर्जी प्रयास कर ले पर सरकार की स्थिति ठीक होना असंभव लग रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हालत डूबते हुए जहाज की तरह है और ऐसा लगता है कि यह जहाज जल्दी ही डूब जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनके नेता चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं और स्वयं रामलाल ठाकुर खुद भी चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। जिस संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ही चुनाव नहीं लड़ना चाहती तो उससे संगठन की ताकत क्या रह गई होगी वह जग जाहिर है। उन्होंने कहा कि इनके एक वरिष्ठ मंत्री गोमा जी प्रेस वार्ता कर रहे थे और उनके साथ बैठे नेता अपने संगठन के नेताओं के बारे में मलाईदार बातें कर रहे थे। इससे समझ आता है कि इन नेताओं कि अपने नेताओं के प्रति क्या मानसिकता है।
शिमला , 24 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाजपा नेता एवं विधायक के डॉ जनक राज ने कांग्रेस नेता ठाकुर रामलाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपना कुनबा संभालना चाहिए और भाजपा की चिंता है छोड़ देनी चाहिए, जहां कांग्रेस के नेता वोट दिखाकर भाजपा को डालते हैं और फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेते हैं और इतिहास में पहली बार ऐसा होता है जब निर्दलीय विधायक भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हैं और इस्तीफा देते हैं आज से पहले इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ।
यह सरकार निश्चित रूप से वेंटिलेटर पर है और वेंटिलेटर पर ही रहेगी रामलाल ठाकुर जितना मर्जी प्रयास कर ले पर सरकार की स्थिति ठीक होना असंभव लग रही है।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हालत डूबते हुए जहाज की तरह है और ऐसा लगता है कि यह जहाज जल्दी ही डूब जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनके नेता चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं और स्वयं रामलाल ठाकुर खुद भी चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। जिस संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ही चुनाव नहीं लड़ना चाहती तो उससे संगठन की ताकत क्या रह गई होगी वह जग जाहिर है।
उन्होंने कहा कि इनके एक वरिष्ठ मंत्री गोमा जी प्रेस वार्ता कर रहे थे और उनके साथ बैठे नेता अपने संगठन के नेताओं के बारे में मलाईदार बातें कर रहे थे। इससे समझ आता है कि इन नेताओं कि अपने नेताओं के प्रति क्या मानसिकता है।
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